वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मोदी सरकार का आकलन राजनीतिक आग्रहों से मुक्त होकर करने की सलाह देते हुए आज कहा कि उन्हें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर अपनी पार्टी को राष्ट्र हित में निर्णय लेने के लिए कहना चाहिए।
श्री जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह की पत्रिका ‘इंडिया टुडे’ में आये साक्षात्कार के जवाब में एक ब्लॉग लिख कर उन्हें यह सलाह दी। श्री जेटली से उन्हें यह भी बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब नीतिगत पंगुता से निकल एक वैश्विक ज्योतिपुंज के रूप में तेजी से बढ़ रही है। सरकार में प्रधानमंत्री का शब्द अंतिम होता है, जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में फैसले कांग्रेस मुख्यालय में होते थे। वित्त मंत्री ने अपने ब्लॉग में कहा, “पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री बहुत कम मौकों पर बोलते हैं, लेकिन जब वे बोलते हैं तो राष्ट्र को बहुत ध्यान से सुनना चाहिये। वे राष्ट्र की बुद्धिमत्ता के प्रतीक हैं। उनसे पार्टीगत भावनाओं से ऊपर उठकर रचनात्मक सलाह देनी चाहिये और वक्त पड़ने पर उन्हें खुद अपनी पार्टी को भी व्यापक राष्ट्रीय हित में काम करने के लिये प्रभावशाली संदेश देने की अपेक्षा की जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन की प्रतिष्ठा को देखते हुए मैं उनसे भी यही अपेक्षा करता हूँ।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने इंडिया टुडे के ताज़ा अंक में उनका इंटरव्यू पढ़ा है, ख्रासतौर पर उनकी चिंता कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार विपक्ष से संपर्क नहीं कायम कर रही है तथा उन्हें महसूस होता है कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये पर्याप्त प्रयास नहीं कर रही है।