मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वीकार किया कि उनकी उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए उनके पास लोग नहीं हैं। पटना में पथ निर्माण विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अपनी व्यथा सुनायी। गया-पटना हाइवे में केंद्र के हस्तक्षेप के बाद मामला लटक गया और आज तक लटका हुआ। इस पूरी प्रक्रिया की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि हम अकेले कितना बताएं, और कोई बताने वाला भी नहीं है।
नौकरशाही ब्यूरो
मुख्यमंत्री ने कच्ची दरगार से विदूपुर पुल निर्माण की चर्चा करते हुए भाजपा की अड़ंगेबाजी पर खूब बोले। भाजपा वाले पुल निर्माण में विलंब करना चाहते हैं। वे लोग थोक भाव से बयान जारी करते हैं और नहीं छपने पर अखबारवालों को धमकाते हैं। ज्यादा बोलने वाले हमारी ही सरकार में मंत्री थे। वित्त, पथ निर्माण और पथ निर्माण के प्रधान सचिव सब भाजपा वाले ही थे। उनके प्रधान सचिव अब तो सांसद भी बन गए हैं। इस संबंध में होने वाली कठिनाइयों को वह भी जानते हैं। लेकिन जानबूझकर विकास को रोकना चाहते हैं।
खूंटा गाड़कर बोर्ड लगवा दीजिए
श्री कुमार ने कहा कि बिहार में सभी बहदाल सड़कें नेशनल हाइवे हैं, जो केंद्र के नियत्रंणाधीन है। बदहाली के लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है और बदनामी हमें झेलनी पड़ती है। सीएम ने पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह को सलाह की कि बदहाल सड़कों पर खूंटा गाड़कर बोर्ड लगवा दीजिए कि ये सड़कें केंद्र सरकार की है। नीतीश कुमार ने केंद्र की ओर हाथ बढ़ाते हुए कहा कि देश चलता है सहयोग से। विकास भाव से देश चलता है। देश चलाने का नजरिया अपनाना होगा। राज्य सरकार केंद्र के साथ पूरा सहयोग करने को तैयार है।