मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश कुमार अग्रवाल व दिल्ली हाई कोर्ठ के जज नथुला पति वेंकट रमणा ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश के रूप में सोमवार को शपथ लिया.
इन दो न्यायधीशों के शपथ लेने के बाद अनेक वर्षों बाद सुप्रीम कोर्ट में 31 जजों की कुल क्षमता पूर्ण हुई है.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक जस्टिस राजेश कुमार अग्रवाल ने इलाहाबाद में सन 1976 से वकालत शुरू की थी. उनके पिता भी न्यायिक सेवा से जुड़े थे. पिता के सुप्रीम कोर्ट में वकालत के लिए जाने के बाद चाचा वरिष्ठ अधिवक्ता भरत जी अग्रवाल के साथ उन्होंने काम जारी रखा.
राजेश कुमार अग्रवाल पांच फरवरी, 1999 को इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुए.इसके बाद जस्टिस अग्रवाल को सात फरवरी, 2013 को मद्रास हाई कोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया. फिर वह 24 अक्टूबर, 2013 को मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए.
दूसरी तरफ जस्टिस रमणा दिल्ली हाई कोर्ठ में सितम्बर 2013 से मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे. उन्होंने आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट में कार्यवाहक न्यायाधीश के रूप में भी काम किया. आंध्र प्रदेश में वह 2000 में स्थाई जज नियुक्त हुए थे.