केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान ने आरोप लगाया कि बिहार की नीतीश सरकार ने आनन-फानन में खाद्य सुरक्षा कानून लागू कर दिया , लेकिन इसके नियमों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण जागो मांझी की अनाज नहीं मिलने से मौत हुयी है।
पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार पर लगाए आरोप
श्री पासवान ने पटना में कहा कि नीतीश सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के प्रावधानों को लागू करने में अबतक विफल रही है। बिहार के शेखपुरा जिले में पिछले शुक्रवार को महादलित जागो मांझी की मौत इसी लापरवाही का परिणाम है । उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले (बीपीएल) परिवारों को आज भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
श्री पासवान ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून की बिहार में क्या स्थिति है, इसकी जांच के लिए मंत्रालय के सचिव के नेतृत्व में एक टीम पटना आयेगी और जांच कर इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी । उन्होंने राज्य में राशन कार्ड के डिजिटिलाइजेशन पर बल देते हुए कहा कि जल्द ही नयी डिवाइश व्यॉएस इंटरएक्टिव प्रणाली को लागू कर दिया जायेगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून के लिए अपना कोई योगदान नहीं दिया है और न ही अपने खजाने से एक पैसा खर्च किया है। केन्द्र सरकार की भरपूर मदद के बावजूद जैसे-तैसे यह योजना बिहार में चलायी जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीबों को इस योजना का लाभ सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। इस योजना के तहत गरीबों को कम दाम पर अनाज मुहैया कराया जाना था, जिसके लिए केन्द्र सरकार ने राज्यों को पर्याप्त राशि मुहैया करा दी थी ।