आज विधान सभा में गहमागहमी थी। ‘ट्रांसफर सर्टिफिकेट’ वितरण समारोह था। कुछ लोगों का ट्रांसफर सड़क से विधान परिषद के लिए हो रहा था तो कुछ लोग पटना से दिल्ली (राज्य सभा) के लिए के लिए विदा हो रहे थे। दो लोग पहले से ही दिल्ली में थे। उन्हें रिन्यूवल सर्टिफिकेट लेना था। लेकिन इस समारोह से सभी पार्टियों के दिग्गज नेता गायब रहे। इसलिए यह समारोह औपचारिकता भर रह गया था।
वीरेंद्र यादव
राम जेठमलानी सर्टिफिकेट लेने भी पटना नहीं आए। उनके बदले विधायक भोला यादव ने सर्टिफिकेट हासिल किया। सर्टिफिकेट वितरण के दौरान राजद प्रमुख लालू यादव, जदयू प्रमुख नीतीश कुमार, भाजपा विधायक दल के नेता सुशीली मोदी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी विधान सभा में मौजूद नहीं थे। भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद व विधान पार्षदों ने सर्टिफिकेट लेने के बाद स्पीकर विजय चौधरी से औपचारिक मुलाकात करना भी आवश्यक नहीं समझा।
शाम चार बजे से नवनिर्वाचित राज्य सभा और विधान परिषद सदस्यों का प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम विधान सभा सचिव के कक्ष में शुरू हुआ। पहले राज्य सभा के सदस्यों को प्रमाणपत्र दिये गये। सबसे पहले गोपाल नारायण सिंह को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। इसके बाद राम जेठमलानी, मीसा भारती, आरसीपी सिंह और शरद यादव को प्रमाण पत्र सौंपे गए। इसके बाद विधान पार्षदों को प्रमाण पत्र दिए गए। इसमें भी भाजपा की बारी पहले आयी। पहला प्रमाण पत्र अर्जुन सहनी को दिया गया। इसके बाद बारी-बारी से गुलाम रसूल, सीपी सिन्हा, रणविजय सिंह, कमर आलम, तनवीर अख्तर और विनोद नारायण झा को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
इस मौके पर विधान सभा का गलियारा और परिसर खचाखच भरा हुआ था। प्रमाण पत्र लेने वाले अपने समर्थकों के साथ ढाई बजे से ही विधान सभा पहुंचने लगे थे। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कक्ष, नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार के कक्ष, संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार के कक्ष और स्पीकर के कक्ष में दरबार लगा हुआ था। अपनी-अपनी पसंद के अनुसार लोगों ने जगह का चयन कर लिया था। चार बजे तक सभी नवनिर्वाचित सदस्य सचिव के कक्ष में पहुंच गए थे और समर्थक बाहर सर्टिफिकेट के साथ अपने नेताओं का इंतजार करते रहे।