बिहार सरकार ने धान खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से राज्य के सभी किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में उनके समक्ष धान अधिप्राप्ति के संबंध में दिये गये प्रस्तुतीकरण के दौरान कहा कि राज्य में पारदर्शी तरीके से धान की खरीद की जाये। इसके मद्देनजर सरकार ने इस बार किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण कराने का निर्णय लिया है। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।
प्रस्तुतीकरण के दौरान सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि धान खरीद के लिए इस बार किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले प्रति किसान धान अधिप्राप्ति की सीमा एक सौ क्विंटल थी, जिसे बढ़ाकर डेढ़ सौ क्विंटल कर दिया गया है। साथ ही वैसे कृषक जो दूसरों के खेत में खेती करते हैं, उन्हें भी धान अधिप्राप्ति का लाभ दिया जायेगा। उनसे पचास क्विंटल तक की धान अधिप्राप्ति की जायेगी।
इस दौरान खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव डॉ. दीपक प्रसाद ने बताया कि जिन जिलों में पहले कटनी हुयी है, उन जिलों में धान अधिप्राप्ति का कार्य 15 नवम्बर से शुरू किया जायेगा। बाकी जिलों में धान की खरीद दिसंबर में शुरू होगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष धान का रिकाॅर्ड उत्पादन होने की संभावना है। इसके मद्देनजर धान अधिप्राप्ति के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। जितना धान आयेगा, उतना खरीदा जायेगा।
इस मौके पर कृषि मंत्री रामविचार राय, सहकारिता मंत्री आलोक कुमार मेहता, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह समेत विभिन्न विभागों के सचिव एवं अधिकारी उपस्थित थे।