राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में नर्सिंग कर्मियों को नेशनल फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए. इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में नर्सें हमारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के मामले में सबसे आगे हैं. इसकी सफलता में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

नौकरशाही डेस्‍क

उन्‍होंने कहा कि भारत जैसी एक विकासशील अर्थव्यवस्था में, नर्सों और मिडवाइव्स की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसी तरह एक किफायती एवं अच्छी गुणवत्ता के स्वास्थ्य में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. हमारे देश को इनकी को इनकी सेवाओं पर गर्व है. 20वी सदी से लेकर 21वीं सदी तक नर्सिंग सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए धन्यवाद. शहरी और ग्रामीण भारत में नर्सों के कारण जीवन प्रत्याशा और चिकित्सीय में सुधार के साथ- साथ बच्चे और मातृ मृत्यु दर में महत्वपूर्ण कमी आई है.
राष्ट्रपति ने कहा कि मांग के अनुरूप हमारे स्वास्थ्य मानकों में सुधार और अपडेट करने की आवश्यकता है. देश के सामने आने वाली स्वास्थ्य चुनौतियां का तेजी से हल करने की आवश्यकता है. उन्‍होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 को देखकर खुशी हुई, इसमें नर्सिंग में एक नई गति और नवीनता की परिकल्पना की गई है. भारतीय नर्सें स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार भूमिकाएं निभा रही हैं. हमें देश में उचित व्यावसायिक विकास और मानव संसाधन नीतियों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है.

राष्ट्रपति ने कहा कि आज चिकित्सा और स्वास्थ्य प्रथाओं की जटिलता के कारण नर्सें पूरी तरह से योजना बनाने, कार्यान्वित करने, अनुसंधान और मूल्यांकन करने में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि ये कार्य जिम्मेदारियों और जवाबदेही के साथ आते हैं. नर्सिंग प्रोटोकॉल के कानूनी और नीतिगत ढांचे तथा अभ्यास मानकों को दक्षताओं का इष्टतम उपयोग की सुविधा प्रदान करना चाहिए.

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