नालंदा विश्वविद्यालय में 821 साल बाद सोमवार से फिर पढ़ाई शुरू हो रही है। नए विश्वविद्यालय का निर्माण प्राचीन विश्वविद्यालय से 12 किलोमीटर दूर राजगीर में किया जा रहा है। फिलहाल कक्षाएं कन्वेंशन सेंटर में होंगी। इसे 15 दिन के लिए किराए पर लिया गया है। 14 सितंबर को औपचारिक उद्घाटन के बाद कक्षाएं प्रशासनिक भवन में लगेंगी। गौरतलब है कि नालंदा विश्वविद्यालय भारत का सबसे पहला विश्वविद्यालय है, जिसे 1193 में हमलावरों ने जला डाला था। 2006 में इसके पुनर्निर्माण की योजना बनी थी।naland

 सुजीत कुमार वर्मा

 

विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. गोपा सबरवाल ने बताया कि यह सिर्फ संस्था नहीं, बल्कि नालंदा बनाने का मिशन है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक 1 सितंबर से दो विषयों की पढ़ाई शुरू होगी। यहां कुल 7 विषय पढ़ाए जाएंगे। जापान और भूटान के एक-एक छात्र समेत कुल 15 छात्रों ने एडमिशन लिया है। पहले सत्र में इतिहास और पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई शुरू होगी। 8 शिक्षक आ भी चुके हैं। विश्वविद्यालय की डीन डॉ. अंजना शर्मा ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर उपिंदर कौर को विजिटर के रूप में बुलाया जाएगा। कक्षाएं, दफ्तर और संकाय सदस्यों के लिए अस्थायी परिसर बन चुका है। लगभग 242 एकड़ में विश्वविद्यालय के स्थायी भवन का काम चल रहा है, जो 2021 तक पूरा होगा।
 कुलपति डॉ. गोपा सबरवाल ने बताया कि यह दूसरे विश्वविद्यालयों से बिल्कुल अलग है, क्योंकि यहां सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि अधिकतम रिसर्च पर भी जोर होगा। चयन किये गये फैकल्टी का भी रिसर्च बैकग्राउंड रहा है। काफी मेहनत से ऐसा सिलेबस बनाया गया है, जो विश्वस्तर का है।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427