वर्षों तक नरेंद्र मोदी के खिलाफ की राजनीति करने वाले नीतीश कुमार अब अपनी भूमिका बदलने लगे हैं। 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के बहाने नीतीश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और बिहार की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री को लिख पत्र में सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि विशेष राज्य का दर्जा बिहारवासियों का हक है। वित्त आयोग की अनुशंसाओं ने हमारी हक की इस लड़ाई के रास्तों को ही बंद कर दिया है। इस पर विस्तार से विचार करके सकारात्मक पहल किए जाने की जरूरत है। सीएम ने कहा है कि बिहार को संसाधनों में कमी की भरपाई के लिए तत्काल विशेष व्यवस्था करनी चाहिए । बिहार को बीआरजीएफ के तहत कुछ सहायता दी जा रही थी । इसमें चालू वित्तीय वर्ष में बड़ी कटौती कर दी गई । अगले वर्ष से इसकी समाप्ति की आशंका उत्पन्न हो गई है । बिहार अपना पिछड़ापन दूर करके देश की प्रगति में सहायक बना चाहता है ।
नीतीश कुमार ने लिखा है कि हमारी विशेष राज्य के दर्जे की मांग इसी सोच पर आधारित है । राज्य को विशेष दर्जा मिलने से एक ओर जहां केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्रांश के प्रतिशत में वृद्धि होगी । इससे राज्य को अपने संशाधनों का उपयोग अन्य विकास और कल्याणकारी योजनाओं में करने का अवसर मिलेगा । सीएम ने लिखा है कि दूसरी ओर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में छूट से निजी निवेश के प्रवाह को गति मिलेगी । इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए-नए अवसर सृजित होंगे। केंद्र में एनडीए की सरकार के जमाने में जिस तरह आंध्रप्रदेश को मदद की गई थी, उसी तरह की मदद की बिहार को जरूरत है ।