पटना के कालिदास रंगालय में रविवार को साहित्यिक संगठन समन्वय द्वारा काव्य पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में युवा कवि और पत्रकार प्रणय प्रियंवद की कविता संग्रह “कस्तूरी” का लोकार्पण प्रेम कुमार मणि, आलोकधन्वा, ध्रुव गुप्त, श्रीकांत और कुमार मुकुल के द्वारा किया गया। युवा कवि प्रणय प्रियंवद के इस पहले संग्रह को अंतिका प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। जिसमे कुल 69 कविताएं है।
तत्पश्चात कुमार मुकुल और प्रणय प्रियंवद ने अपनी अपनी कविताओं का पाठ किया। प्रणय प्रियंवद ने मदर टेरेसा, कारखाना, वे कौन है, नारियल और आधी रात में प्रेमिकाओं का विलाप आदि कविताओं का पाठ किया।
कुमार मुकुल ने समाज और जीवन पर आधारित कई कविताएं जैसे खुशी का चेहरा, आज, देवता दुखी हैं , सबसे अच्छे खत , उर्सुला और विनायक सेन आदि कविताओं का पाठ किया।हिंदी के सुप्रसिद्ध कथाकर प्रेम कुमार मणि ने कहा कि कुमार मुकुल की उर्सुला कविता हिंदी की महत्वपूर्ण कविता है। प्रणय प्रियंवद युवा कवि है उन्हें भाषा पर और काम करने की जरूरत है।
जनकवि आलोक धन्वा ने कहा कि प्रणय प्रियंवद यथार्थ के कवि है इनके अंदर साफगोई है जो इनकी कविताओं में साफ साफ दिखती है।सुप्रसिद्ध कवि और मनोचिकित्सक विनय कुमार ने कहा कि प्रणय प्रियंवद की कविताएं भले आदमी की कविताएं है । इनकी कविताओं की भाषा सरल हैं। कृष्ण समिद्ध ने कहा कि प्रणय प्रियंवद मानव मन के अंदर के कवि है और कविताओं के माध्यम से निरन्तर तलाश में है।
युवा कवि प्रणय प्रियंवद पिछले 15 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. फिलवक्त वह पटना के एक दैनिक अखबार के लिए काम करते हैं.
कार्यक्रम का संचालन समन्वय के सुशील कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद कुमार सिंह ने किया। इस काव्य पाठ में अनिल विभाकर, श्रीकांत, अनीश अंकुर, जयप्रकाश, रमेश ऋतम्भर, शहंशाह आलम , घ्रुव गुप्त, शशांक मुकुट शेखर, रत्नेश्वर सिंह, अंचित, राजेश कमल, बिनीत कुमार सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद थे