सियासी रणनीतिकार प्रशांत किशोर रविवार को जेडीयू में शामिल हो सकते हैं. उन्हें पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ भविष्य में राज्यसभा में भी भेजे जाने की चर्चा है.
याद रहे कि 2015 में जदयू के लिए चुनाव प्रचार की कमान संभालने वाले प्रशांत किशोर को पहले ही नीतीश सरकार कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे कर सम्मानित कर चुकी है.
प्रशांत किशोर 2014 में तब सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाली थी और उन्हें जीत मिली थी. इसके बाद उन्होंने 2015 में जदयू के लिए और उसके बाद यूपी में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाला था हालांकि कांग्रेस बुरी तरह वहां पिछड़ गयी थी.
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प्रशांत किशोर ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मतभेद की खबरें आने के बाद एनडीए और बीजेपी का साथ छोड़ा था. उसके बाद अटकलें लगायी जा रही थीं कि 2019 में वह फिर से नरेंद्र मोदी के लिए प्रचार करेंगे.
जदयू में शामलि होने के लिए प्रशांत किशोर के साथ क्या डील हुई है इसकी प्रमाणिक खबर नहीं है लेकिन चर्चा है कि उन्हें भविष्य में या तो राज्यसभा में भेजा जा सकता है या फिर वह बक्सर से जदयू के लोकसभा उम्मीदवार बनाये जा सकते हैं.
याद रहे कि नीतीश कुमार खुद प्रशांत को पालिटिक्स में लाने के लिए पहल कर चुके थे. एक टीवी चैनल से बात करते हुए नीतीश ने कहा- वह भविष्य की राजनीति का हिस्सा हैं. नीतीश अपने समर्थकों और युवाओं क कई बार कह चुके हैं कि अब नयी पीढी को अपने हाथ में जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इसी लिहाज से अशोक चौधरी जो कांग्रेस में थे, उन्हें नीतीश ने अपनी पार्टी में ले आये थे.
ऐसे समय में जब राजद के नेता तेजस्वी यादव नीतीश के समक्ष भारी चुनौती पेश कर रहे हैं, नीतीश चाहते हैं कि उनको करारा जवाब देने के लिए एक टीम तैयार हो. इसके लिए एक तरफ नीतीश प्रशांत को एक्टिव पालिटिक्स में लाने में जुटे हैं तो दूसरी तरफ अपने प्रवक्ताओं को कहा है कि वे नियमित रूप से विपक्षी पार्टी को जवाब देने की रणनीति बनायें.