बाबा साहब भीम राव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर देश भर के २० दलित, आदिवासी और हाशिये के कार्यकर्ताओं नें अपने खिलाफ हो रहे भेदभाव और अन्याय के अनुभवों को बांटा.
यह कार्यक्रम नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ़ दलित अर्गानायिजेशंस के पांच दिवसीय राष्ट्रीय दलित सम्मलेन के तीसरे दिन आयोजित हुआ.
देश भर के चुनिन्दा २० उपेक्षित समाज के लोगों की समस्या उन्हीं की जुबान में पेश करवाने की पहल संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों से किया गया. इन कार्यकर्ताओं नें अपनी समस्याओं से लड़ते हुए आगे निकल जाने की उम्मीद के साथ अपनी बात राखी.
दिन भरे चले अनेक सत्रों में पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष, चरणजीत सिंह अटवाल, यूनिसेफ के भारत के निदेशक लुईस जार्ज, केयर के निदेशक मूसा मोहम्मद और नैकडोर के अध्यक्ष अशोक भारती के अलावा कई लोगों नें अपने विचार रखे.
पंजाब विधान सभा के अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल नें कहा कि हमें आंबेडकर के पद च्न्हों पर चलना होगा. उनहोंने हमें संविधान की शक्ति दी. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को मजबूत बना कर हम समाज को बदल सकते हैं. बुनियादी शिक्षा जरूरी है पर यह काफी नहीं है. इस लिए मैं सरकारों, संगठनों से आग्रह करता हूँ की बुनियादी शिक्षा को और गुणवत्तापूर्ण बनाया जाए.
उन्होंने कहा कि दलित समाज के लोग विकास की प्रक्रिया का उचित लाभ नहीं ले पाटे . इस समाज में कार्यक्षमता का अभाव नहीं है. जरूरत इस बात की है कि उनकी कार्यक्षमता को पहचाना जाये और उनको उचित अवसर दिया जाये. हमें अपने कर्तव्य को फिर से अवलोकन की जरूरत है.
इस अवसर पर नैकडोर के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक भारती नें कहा कि दलितों के अधिकारों को लेकर हम बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर यह घोषणा करते हैं कि हम देश भर के दलितों को जगायेंगे ताकि उन्हें उनका हक़ मिल सके. उन्हों नें कहा कि हम समाज में दलितों और गैर दलितों के बीच की खाई को मिटाने का प्रयास करेंगे.
पंजाब सरकार के अनुसूचित जाती आयोग के अध्यक्ष राजेश बग्गा नें कहा कि पंजाब में ५०० करोड़ का बजट एस सी एसटी के लिए था. इसका मात्र २० प्रतिशत ही खर्च हुआ था. इस लिए हम नें कोशिश की तो अब उसके पैसे खर्च हो रहे हैं. पहले इस पैसे को किसी और काम में लगा देते थे.बच्चो के स्कालरशिप भी नहीं रोक दी जाती थी. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ अगड़ी जाति के लोग ही दलितों की हकमारी करते हैं अब तो ऐसा भी देखा जा रहा है कि दलित समाज के लोग भी इस काम में
बाधा बन रहे हैं.
इस सम्मलेन में सरकार के समक्ष मांग पत्र रखा गया. इसे नैकडोर के अध्यक्ष अशोक भारती नें पेश किया. इसमें कहा गया है कि पूरे देश में सामान शिक्षा लागू की जाए. मांगपत्र के अनुसार गरीबी रेखा की दिवार को ख़त्म किया जाये. साथ ही दलित मुस्लिम और दलित ईसाई को अतिरिक्त आरक्षण दे. आर्थिक खाई को पाटने के लिए सरकार सभी संसाधनों को हर समाज की आबादी के अनुसार दे. और बजट का आवंटन भी इसी आधार पर करे. सरकार प्रोमोशन में आरक्षण को लागू करे.