पटना में बिल्डर्स एसोसिएशन द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने जम कर लाठियां चलाईं जिससे 4 बिल्डर घायल हो गये हैं जबकि एक बिल्डर रणविज सिंह को काफी चोट आयी है, वहीं डीएसपी ममता कल्याणी ने नौकरशाही डॉट इन से कहा है कि पुलिस ने लाठी नहीं चलायी.
बिहाल बिल्डर एसोसिएशन के नेता सरकार के नये बिल्डिंग बायलाज के खिलाफ गुरूवार को विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
कल्याणी ने कहा कि प्रदर्शनकारी प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की. पुलिस पर यह आरोप बेबुनियाद है कि उसने लाठी चलाई. जब कल्याणी से पूछा गया कि बिना लाठी चलाये प्रदर्शकारी घायल कैसे हो गये तो उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वे लोग आपस की धक्कामुक्की में घायल हुए हो. हालांकि कल्याणी ने कहा कि रणविजय सिंह खुद प्रतिबंधित एरिया में प्रदर्शनकारियों को जाने के लिए प्रेरित कर रहे थे.
इधर एसोसिएशन के नेताओं का कहना है कि पुलिस की लाठियों के हमले में एक बिल्डर रणविजय सिंह को गंभीर चोट आयी है और उन्हें सहयोग अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल कराया गया है. बिल्डर एसोसियेशन के नेता और अपना आवास कंस्ट्रकश्न के निदेशक प्रभात कुमार सिंह का कहना है कि रणविजय सिंह का हाल ही में बायपास सर्जरी हुआ था. ऐसे में पुलिस की लाठियों से गंभीर चोट के कारण उनकी हालत गंभीर है.
एसोसिएशन के नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और बेरहमी से पिटायी की. एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी कीमती अंगुठी और जेब से पैसे भी छीन लिये.
बिल्डर एसोसिएशन की बिहार इकाई ने बिहार सरकार के नये बिल्डिंग बॉलाज के खिलाफ विरोफ प्रदर्शन कर रहे थे. जब प्रदर्शनकारी डाकबंगला पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोका और लाठियां बरसानी शुरू कर दी.
इस बीच बिल्डर एसोसिएशन के बिहार अध्यक्ष अनिल सिंह, सुदीप कुमार, जीतेन्द्र कुमार, शशिभूषण सिन्हा, धर्मेन्द्र कुमार, प्रभात कुमार और गिरधर झुनझुनवाला ने कहा कि बिहार सरकार बिहरा की जनता के सामने ऐसा बॉयलाज लागू करना चाहती है जो उनके घर के सपने को साकार नहीं होने देना चाहती.
प्रभात कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने यह बायलाज उड़िसा के बिल्डिंग बायलाज की कापी पेस्ट है जो बिहार और खास कर पटना की जनसंख्या को देख कर बनाया ही नहीं गया है. उन्होंने कहा कि पटना में घनी आबादी और जमीन की कम उपलब्धता के मद्देनजर 20 फिट की सड़क और अपार्टमेंट के दो तरफ 6 मीटर की जगह छोड़ने भर जमीन है ही नहीं ऐसे में यह बायलाज पटना में लागू नहीं होना चाहिए.