बिहार सरकार ने सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर राज्य कर्मियों का वेतन पुनरीक्षण किये जाने के कारण सरकारी सेवा में समूह घ (ग्रूप डी) को समाप्त कर उसे समूह ग (ग्रुप सी) में समायोजित करने का निर्णय लिया है।

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक के बाद बताया कि सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर 01 जनवरी 2016 के प्रभाव से राज्य कर्मियों का वेतन पुनरीक्षित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य की सेवाओं एवं पदों का फिर से वर्गीकरण किया गया। इसके आलोक में ग्रुप डी को समाप्त कर उसे ग्रुप सी में समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। इश्री सिंह ने बताया कि सेवाओं एवं पदों के पुनर्वर्गीकरण के तहत समूह क, ख, ग और अवर्गीकृत समूह को रखा गया है। समूह क में पुनरीक्षित वेतन स्तर संरचना में स्तर 11 से 14, समूह ख में स्तर छह से नौ तथा समूह ग में स्तर एक से पांच तक को शामिल किया गया है।

सरकार ने राज्य के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में कार्यकरत शिक्षकों को चालू वित्त वर्ष में
वेतन भुगतान के लिए चौदह अरब 46 करोड़ आठ लाख रुपये विमुक्त करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। श्री सिंह ने बताया कि सरकार ने बिहार न्यायिक सेवा के सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन पर 01 जनवरी 2016 के प्रभाव से अंतरिम राहत देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इसी तरह बिहार न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों को 01 जनवरी 2016 के प्रभाव से मूल वेतन पर 30 प्रतिशत अंतरिम राहत देने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।

By Editor


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