दिल्ली के विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद बीजेपी का अगला निशाना बिहार की राजनीति है। साल के अंत में होने वाले चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार बिहार को एक लाख करोड़ का पैकेज देने की तैयारी भी कर चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पैकेज में सरकारी खर्च से राज्य को कई नए प्रॉजेक्ट्स की सौगात मिल सकती है।
बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली और कई मंत्रियों के बीच बातचीत भी हो चुकी है। जेटली ने केंद्र में बिहार से आने वाले मंत्रियों से भी इस बारे में बात कर ली है। केंद्र के इस बिहार प्लान में 4 हजार मेगावॉट का अल्ट्रा-मेगा पावर प्लांट, बरौनी में ऑइल रिफाइनरी का विस्तार, इसी जगह पर एक फर्टिलाइजर प्लांट को फिर से चालू करना और मोकामा में गंगा के ऊपर एक नए रेल ब्रिज का निर्माण शामिल है। केंद्र का जोर जहां ग्रामीण इलाकों की सड़क और हाइवे प्रॉजेक्ट्स पर रहने वाला है। वहीं, प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से कुछ नए फूड पार्क्स की सौगात देने की तैयारी हो चुकी है।
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मार्च के आखिरी हफ्ते में दिल्ली आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा था कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के लागू होने के चलते बिहार को 50 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा और उन्होंने केंद्र से इसकी भरपाई की बात की थी। इसके लिए उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज दिलाने की अपनी पुरानी मांग भी मोदी से दोहराई थी।