मुख्य विपक्षी दल भाजपा के हंगामें के कारण सोमवार को विधान सभा में प्रश्नकाल नहीं हो सका और सभा की कार्यवाही भोजनावकाश से पूर्व दो बार स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा में कार्यवाही शुरु होते ही प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि राज्य में विधि-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गयी है इसलिए इस विषय पर कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर सदन में तुरंत चर्चा होनी चाहिए। सभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने जब इस पर ध्यान नहीं दिया और प्रश्नकाल के लिए सदस्य का नाम पुकारा तब भाजपा के सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गये।
भाजपा सदस्य कुछ देर तक शोरगुल और नारेबाजी करते रहे जिसके बाद सभाध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही 12 बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद जब दोबारा कार्यवाही शुरु हुयी, तब सभाध्यक्ष ने बताया कि भाजपा के अरुण कुमार, अच्युतानंद और उषा विद्यार्थी की ओर से कार्यस्थगन की सूचना दी गयी है, जो नियमानुकूल नहीं होने के कारण अमान्य किया जाता है। इसके बाद भाजपा के सदस्य एक बार फिर नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गये। प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि जब राज्य में लोगों की जान ही सुरक्षित नहीं है तब पैसा किस काम का है।
शोरगुल और हंगामें के बीच ही सभाध्यक्ष ने किसी तरह शून्यकाल को पूरा कराया। इसके बाद जनता दल यूनाइटेड के मंजीत सिंह ने ध्यानार्कषण की सूचना पढ़ी। स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने इस पर जवाब देने के लिए समय मांग लिया। फिर हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी। बाद में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा राज्य में संज्ञेय अपराध, अपहरण, बलात्कार, हत्या और लूट की घटनाएं बढ़ी है। उन्होंने कहा कि श्री नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़कर जबसे श्री लालू प्रसाद यादव की गोद में जा बैठे हैं, तब से जदयू की सरकार शातिर अपराधियों को संरक्षण देकर सरकार बचाने के बदले राजद का आभार जता रही है ।