JEE MAINS जो EXAM है इसकी वजह से जो कुछ भी आज STUDENTS के साथ हो रहा है इसकी कल्पना नहीं की जा सकती थी JEE MAINS एग्जाम ने आज समाज में एक ऐसा माहौल बना दिया है जिससे बिहार बोर्ड और Cbse Board के STUDENTS को ऐसा लगने लगा है कि अगर किसी बच्चे ने JEE MAINS EXAM ही नहीं दिया तो वह इंजीनियर कैसे बन सकता है?
यह सोच सिर्फ छात्र -छात्राएं तक ही सीमित नहीं बलकी छात्र-छात्राओं के माता-पिता भी आज ऐसा ही सोचने लगे हैं.
मैंने जब गांव – गांव में जाकर काउंसलिंग की व्यवस्था शुरू की और उस गांव के लोगों से जब मैंने बात की तो मुझे भी आश्चर्य हुआ के पढ़ा-लिखा समाज भी आज ऐसा ही मानता है के बिना EXAM के चाहे वह एग्जाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के द्वारा लिया गया हो चाहे JEE MAINS EXAM के द्वारा लिया गया हो इसके बगैर तो इंजीनियरिंग में दाखिला असंभव है।
यह सोच सिर्फ उनकी नहीं है जिनके मार्क्स कम आए हैं ,यह सोच उन की भी है जिन्होंने 60 % से ज्यादा 70% से ज्यादा 80% से ज्यादा माक्स लाए हैं, उनका भी ऐसा ही मानना है कि वह एडमिशन नहीं ले सकते क्योंकि 12TH में तो उनका मार्क्स बहुत अच्छा है लेकिन जेईई मेन में मार्क्स नहीं आने की वजह से वो एक साल ड्रॉप करना चाहते हैं.
मैं एक कौंसलर हूं………
मैं समाज के उन टीचरों से प्रोफेसरों और समाज में इस प्रकार की अफवाह फैला रहे शिक्षा माफियाओं से यह पूछना चाहता हूं
कि और कब तक यह लोग क्रेश कोर्स के नाम पर जेईई मेंस की तैयारी के नाम पर अपनी दुकान चमकाते रहेंगे क्या इन्हें एहसास भी है कि ऐसा करने से वह ना जाने अनगिनत उन बच्चों के सपनों की हत्या कर रहे हैं जो कल देश के महान इंजीनियर बन सकते थे।
क्या उन्हें इस बात का एहसास है कि चंद पैसो के लिए वह अपने बच्चों को जब यह कहते हैं के 1 साल ड्रॉप करके अगर तैयारी की जाए तो उन बच्चो को IIT और NIT जैसी संस्थाएं मिल जाएंगी तब उसी वक्त देश का आने वाला एक महान इंजीनियर अपने सपनों को टूटते पाता है.
जबकि तैयारी कराने वाले हर टीचर और प्रोफेसर को यह बात पता है की IIT और NIT जैसी सेंट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा चलाई जा रही संस्था में केवल 55000 से 58000 कैंडिडेट कोही जगह मिलेगी ,तो क्यों नहीं यह टीचर और प्रोफेसर और अफवाह फैला रहे शिक्षा माफिया बच्चे और उनके मां-बाप को यह बताते हैं की सिर्फ IIT और NIT ही देश में इंजीनियरिंग संस्थान नहीं है क्यों नहीं यह टीचर और प्रोफेसर बच्चों को यह बताते हैं कि हमारे देश के सबसे महान इंजीनियर और मिसाइल मैन कहे जाने वाले व्यक्ति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम साहब ना तो iitians थे और ना ही nitans.
IIT और NIT अपना अलग-अलग एंट्रेंस एग्जाम कराए:
यह बात अब आम हो जानी चाहिए कि देश की टेक्निकल इंडस्ट्रीज को देश के आईआईटीयन और एनआईटीयन ने नहीं संभाल रखा है ,
मैं इस बात से इंकार नहीं करता की IIT और NIT कि कुछ कैंपस अच्छा कर रहे पर मैं इस बात से इनकार करता हूं कि देश की टेक्निकल एजुकेशन के अच्छे संस्थान सिर्फ आईआईटी और एनआईटी ही है।
अब इस बात को भी आम कर देना चाहिए की देश में चलाई जा रही STATE TECHNICAL UNIVERSITY द्वारा जो TECNICAL एजुकेशन देने वाली संस्थाएं हैं उनमें से कई ऐसी संस्थाएं भी मौजूद हैं जो IIT और NIT से बेहतर रिजल्ट और बेहतर इंजीनियर और बेहतर रिसर्च कर रहे हैं।
IIT और NIT जिस दिन से IITEE या NITEEE जैसा एग्जाम कंडक्ट करने लगेंगे उसी दिन से ड्राप CASES कम होने लगेंगे और STATE TECHNICAL UNIVERSITY द्वारा चलाई जा रही संस्थाएं फलने- फूलने लगेगी।
कोचिंग संस्थान crash course और JEEMAINS की तैयारी के नाम पर गोरखधंधा चला रहे हैं उन का पतन शुरू हो जाएगा।
पर कभी कभी मुझे ऐसा लगता है के (चोर चोर मौसेरे भाई) सब इन लोगों की मिलीभगत है.