यूपी-उत्तराखंड में भारी पराजय के बाद महागठबंधन में एक नयी सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है. पहली बार जद यू ने गैरभाजपा दलों के सामने एक प्रस्ताव रखा है और कहा है कि मोदी के विकल्प के लिए विपक्षी दलों को एकजुट होना होगा. पर उसने एक शर्त भी रखी है.
नौकरशाही डेस्क
जद यू के प्रवक्ता संजय सिंह ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि मोदी का विकल्प देने के लिए विपक्ष को एकजुट होना चाहिए और यह विकल्प नीतीश कुमार होंगे.
गौरतलब है कि यूपी में सपा-कांग्रेस ने गठबंधन किया था इस गठबंधन में तो राजद शामिल था और न ही जद यू. दूसरी तरफ बसपा भी अकेले मैदान में कूदी थी. लेकिन ये तमाम दल भाजपा के सामने टिक नहीं पाये थे.
जद यू का यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब भाजपा से करारी हार के बाद विपक्षी दल सकते में हैं और हार पर आत्ममंथन कर रहे हैं.
इसी बीच जद यू ने कहा है कि अगर भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन की पहल हो तो जद यू इसके लिए तैयार है लेकिन इस गठबंधन का चेहरा नीतीश कुार ही होंगे.
याद रहे कि जद यू के नेताओं की तरफ से अकसर नीतीश कुमार को मोदी के विकल्प के रूप में पेश किया जाता रहा है लेकिन खुद नीतीश कुमार औपचारिक रूप से इस बात का खंडन करते रहे हैं.
ऐसे समय में जब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी भारी मतों के साथ सत्ता में आ चुकी हैं और दूसरी तरफ यूपी में सपा और बसपा हार की दुख से उबरने में लगे हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. आने वाले समय में गुजरात में विधान सभा चुना होना है. ऐसे में विपक्षी दलों की एकता पर अब चर्चा भी शुरू होगी.