जब पूरा भारत रिपब्लिक डे पर जश्न मना रहा था तब शिलांग की सड़कों पर लोग मेघालय के गवर्नर के कथित यौन दुराचार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. शाम होते होते गवर्नर वी शंमुगानाथन ने इस्तीफा दे दिया. आइए जाने शंमुगानथन और उनसे जुड़े मामले को.
मैघालय के गवर्नर वी शंमुगानाथन को पद से इस्तीफा देना पड़ा है. वह भी गणतंत्र दिवस पर. सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ यौन दुराचार के आरोप लगे. राजभवन के कर्मियों का आरोप है कि उन्होंने राजभवन को महिला क्लब बना डाला था.
शंमुगानाथन मेघालय के गवर्नर के अलावा अरुणाचल प्रदेश के गवर्नर के पदभार में भी थे. शिलांग के स्थानीय मीडिया ने उन पर यौन दुराचार से संबंधित खबरें कई दिनों से छाप रहे थे. बताया जाता है कि राजभवन के स्टाफ के पद पर महिला की नियुक्ति पर मामला तूल पकड़ा. एक महिला ने उन पर सेक्सुअल कमपरमाइज की शर्त पर नौकरी देने का आरोप मढ़ा.
उधर इस मामले में राजभवन के 98 कर्मियों ने दस्तखत करके एक चिट्ठी राष्ट्रपति और पीएम को लिखी. आरोप लगाया कि गवर्नर के बेड रूम तक महिलाओं की पहुंच से ऐसा लगता है कि राजभवन महिला क्लब बन कर रह गया है. साथ ही इससे उनके पद की गरिमा गिरी है और उनकी सुरक्षा को भी खतरा है. इस बढ़ते विवाद को पहले तो शंमुगनाथन ने नकार दिया और एक बयान जारी कर कहा कि “ये बाततें सही नहीं हैं. हमें सिर्फ एक पद पर नियुक्ति करनी थी. जिनकी नियुक्ति नहीं हो सकी उनके द्वारा ऐसा आरोप लगाना ठीक नहीं है”.
उधर स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया में एक महिला का पत्र बड़ी तेजी से बहस का मुद्दा बन गया था. हंगामा बढ़ता देख शंमुगनाथन ने पद से इस्तीफा दे दिया.
शंमुगनाथन तमिलनाडु के रहने वाले हैं. वह एक ब्रिलियंट स्टुडेंट रहे हैं. और मद्रास युनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में एमफिल की उपाधि ली. उन्हें विश्वविद्यालय ने गोल्ड मेडल प्रदान किया. तमिलनाडु के तंझाउर में 1949 में जन्में शंमुगनाथन ने 12 मई 2015 को राज्यपाल बने थे.