रक्षा अनुसंधान प्रतिष्‍ठान की दक्षता बढ़ाने के लिए रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्‍न प्राधिकारियों को अधिक वित्‍तीय अधिकार सौंपने का फैसला किया है. अत्‍यधिक केंद्रीयकरण के दुष्‍प्रभावों को समाप्‍त करने और त्‍वरित निर्णय लेने में सुविधा के उद्देश्‍य से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) में यह परिवर्तन किये गये हैं. पिछले एक वर्ष में सशस्‍त्र बल में भी इसी प्रकार के वित्‍तीय अधिकार सौंपे गये हैं. जानें बढ़ाए गए अधिकार –

नौकरशाही डेस्‍क

  1. रक्षा अनुसंधान और विकास सचिव के परियोजनाओं को मंजूरी देने और खरीद के  वि‍त्‍तीय अधिकार को 75 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 150 करोड़ रूपये कर दिया गया है तथा  महानिदेशक (डीजी)  के अधिकार 50 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 75 करोड़ रूपये किये गये.
  2. स्‍वामित्‍व अनुच्‍छेद प्रमाण पत्र (टीएसई) के लिए अधिकारों को बढ़ाया गया.
  3. रक्षा सचिव (अनुसंधान और विकास) के अधिकार 50 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 150 करोड़ रूपये.
  4. महानिदेशकों के अधिकार 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 75 करोड़ रूपये.
  5. प्रयोगशाला निदेशकों के अधिकार 2 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रूपये.
  6. एकल निविदा मामलों के लिए अधिकारों में वृद्धि.
  7. रक्षा सचिव (अनुसंधान और विकास) के अधिकार 50 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 75 करोड़ रूपये.
  8. महानिदेशकों के अधिकार 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रूपये.
  9. प्रयोगशाला निदेशकों के अधिकार 1 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रूपये.
  10. सभी सक्षम वित्‍तीय प्राधिकारियों को कोष पुर्नआवंटन और उन्‍हें सौंपे गये अधिकारों के भीतर परियोजनाओं / कार्यक्रमों की लागत कम करने तथा बढ़ाने के अधिकार सौंपे गये.
  11. महानिदेशक को डीआरडीओ की प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना के अंतर्गत विश्‍वविद्यालयों, तकनीकी संस्‍थानों और स्‍वदेशी रक्षा उद्योग की अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी देने के वित्‍तीय अधिकार को 3 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रूपये किया गया.
  1. अनुबंधों के संदर्भ में सैन्‍य बलों को सौंपे गये अधिकारों के अनुरूप डीआरडीओ के महानिदेशक को अनुबंध प्रबंधन और रख-रखाव के अधिकार सौंपे गये हैं.
  2. साफ-सफाई और प्रबंधन अनुबंधों, प्रशिक्षण व्‍यय, विविध और आकस्मिक गतिविधियों को तर्कसंगत बनाने और मंजूरी देने के लिए डीआरडीओ मुख्‍यालय में फाइलों की आवाजाही कम करने के लिए निदेशक और महानिदेशक स्‍तर पर ये अधिकार सौंपे गये हैं.

इसके परिणाम स्‍वरूप रक्षा सचिव (अनुसंधान और विकास) के अधीन परियोजनाओं को मंजूरी देने और खरीदी के अधिकार अब डीआरडीओ के महानिदेशकों को सौंपे गये हैं तथा रक्षा सचिव (अनुसंधान और विकास) के अधिकार दोगुने कर दिये गये हैं. डीआरडीओ मुख्‍यालय में केंद्रित रोजमर्रा के कार्यों से जुड़े कई अधिकार अब महानिदेशकों और प्रयोगशाला निदेशको को सौंप दिये गये हैं. इन अधिकारों से विश्‍वविद्यालयों और स्‍वदेशी रक्षा उद्योगों में भी लचीलापन आयेगा. सेवाओं के जुड़े सभी अधिकार अब डीआरडीओ को सौंप दिये गये हैं.

 

By Editor


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