चुनाव नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि  50 वर्षों में भले ही पहली बार सब से कम मुस्लिम विधायक बने हैं पर समाजवादी पार्टी के 38.30  प्रतिशत विधायक मुस्लिम चुने गये. सपा के इतिहास में मुसलमानों का ऐसा वर्चस्व कभी नहीं रहा. जबकि बसपा में 26.31 प्रतिशत मुस्लिम विधायक बने हैं.akhilesh.mayawati

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

सपा के कुल जीते उम्मीदवारों की संख्या 47 है. इनमें मुस्लिम 18 मुसलमान हैं. सपा ने मुसलमानों को 68 सीटों पर लड़ाया था. जबकि राज्य में मुसलमानों की संख्या 20 प्रतिशत के करीब है.  सपा 300 के करीब सीटों पर लड़ी थी. लेकिन उसे मात्र 47 सीटों पर जीत मिलने का साफ मतलब है कि खुद उसके कोर वोटर यादवों और अन्य पिछड़ी जातियों  ने उसका साथ छोड़ दिया. आने वाले दिनों में अखिलेश यादव नतीजों का विश्लेषण करेंगे तो पता चलेगा कि मुसलमानों ने उन पर कितना बड़ा एहसान किया. मुसलमानों ने ही उनकी डूबी नैया को बचाया.

जहां तक 2017 के चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी का ताअल्लुक है तो मुसलमानों ने उन्हें भी भरपुर मदद की. मायावती की पार्टी में कुल 19 उम्मीदवार जीत सके हैं. इन में 5 मुसलमान हैं. इस प्रकार बसपा में मुस्लिम विधायकों की प्रतिशत 26.31 होती है. याद रहे कि मायावती ने 403 में से 97 सीटों पर मुसलमानों को लड़ाया था. यानी  उन्होंने 24 प्रतिशत सीटों पर लड़ाया जबकि जीते 26.31 प्रतिशत. इस तरह से साफ है कि मायावती को दलितों, खास कर गैर जाटव दलितों ने छोड़ा, मुसलमानों ने नहीं.

मायावती को मुसलमानों का यह भरपूर समर्थन तब मिला जब, 2014 में मायावती ने एक ओछा बयान जारी किया था और कहा था कि लोकसभा चुनाव में मुसलमानों ने उनका समर्थन नहीं किया तो उन्होंने अपना वोट भाजपा को ट्रांस्फर करवा दिया था.

तथ्य यह है कि अगले कुछ दिनों में अखिलेश यादव और मायावती इन नतीजों का विश्लेषण करेंगे तो दोनों को पता चलेगा कैसे मुसलमानों ने उन्हें डूबने से बचाने में जी जान लगा दिया. पर सवाल यह है कि अखिलेश की यह दुर्गति क्यों हुई? लखनऊ में उर्दू अखबार कौमी तंजीम के उत्तर प्रदेश प्रमुख  परवेज आलम कहते हैं कि मुलायम परिवार के आपसी कोहराम के कारण उनके कोर वोटर नाराज हो गये. जबकि यही हाल मायावती का भी रहा.परवेज बताते हैं कि भाजपा का दलितवाद और पिछड़ावाद अखिलेश और मायावती पर भारी पड़ गया.

इतना ही नहीं इस बार 84 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम उम्मीदवार दूसरे नम्बर पर रहे.

मुस्लिम विधायकों की सूची

 

समाजवादी पाटी के लिए महबूब अली (अमरोहा), मोहम्‍मद फहीम (बिलारी), नसीर अहमद खान (चमरौरा), नफीस अहमद (गोपालपुर), अबरार अहमद (इसौली), नाहिद हसन (कैराना), मोहम्‍मद रिजवान (कुंडरकी), याशर शाह (मटेरा), रफीक अंसारी (मेरठ), हाजी इकराम कुरैशी (मुरादाबाद ग्रामीण), तसलीम अहमद (नजीबाबाद), आलमबदी (निजामाबाद), मोहम्‍मद आजम खान (रामपुर), इकबाल अहमद (संभल), हाजी इरफान सोलंकी (सिसामऊ), मोहम्‍मद अब्‍दुल्‍ला आजम (सुवार), नवाब जान (ठाकुर गुरुद्वारा) और मोहम्मद रमजान सरावस्ती से जीत हासिल की।

इसके अलावा बसपा से 5 तो कांग्रेस के दो मुस्लिम उम्मीदवार जीते.

 

 

उत्तर प्रदेश में पिछले 2012 विधानसभा चुनाव में 68 मुस्लिम विधायक थें, वहीं इस बार 2017 के चुनाव में सिर्फ 25 मुसलमान विधायक बन सके हैं.

By Editor


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