बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह न्यूज पोर्टल https://naukarshahi.com/ के साथ खास मुलाकात में कहा है कि चक्रवात और भूंकप पीडि़त लोगों की राहत और पुनर्वास को लेकर प्रत्येक सूचना ऑनलाइन की जा रही है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इससे राहत वितरण में होने वाली शिकायतों को भी समाप्त किया जा सकेगा।
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो प्रमुख
मुख्य सचिव ने कहा कि मुआवजा वितरण का काम पूरा हो चुका है। मुआवजा का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया है। राहत और पुनर्वास में तेजी के लिए प्रभारी मंत्री और प्रभारी प्रधान सचिव या सचिव संबंधित जिलों में कैंप कर रहे हैं। वे राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और विभिन्न विभागों के कार्यों का समन्वय भी कर रहे हैं। सीएस अंजनी सिंह ने बताया कि भूकंप से 58 लोगों की मौत हुई है, जबकि 173 लोग घायल हैं। चक्रवात से पूर्णिया जिले को सर्वाधिक क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से उबरने में कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है।
नेपाल को हर संभव सहयोग
श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार नेपाल में फंसे लोगों को बाहर निकालने का पूरा प्रयास कर रही है। रक्सौल, सीतामढ़ी और जोगबनी में राहत कैंप बनाए गए हैं। भूकंप पीडि़त बड़ी संख्या में रक्सौल स्थिति राहत कैंप में पहुंच रहे हैं। इसकी तुलना में सीतामढ़ी और जोगबनी में पीडि़त कम लोग पहुंच रहे हैं। कैंपों में चिकित्सा के साथ खाने-पीने की भी व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि नेपाल में भूकंप प्रभावित इलाकों में सामान्य जनजीवन के लिए आधारभूत सुविधाओं को बहाल करने में बिहार सरकार पूरा सहयोग कर रही है।