लंदन से लौटे मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी निवेशकों के अनुकूल माहौल बनाने की कवायद में जुट गए हैं। वह व्यापार को प्रोत्साहित करने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कारगर रणनीति के निर्धारण की भूमिका भी तैयार करने लगे हैं। आज पटना में सातवीं उद्यमी पंचायत को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने नीति, तकनीकी और प्रक्रियागत दिक्कतों पर फोकस किया और कहा कि इसका निदान विभाग स्तर पर किया जाए। यदि इसका निदान विभागीय स्तर नहीं हो रहा है, तभी हमारे संज्ञान में लाया जाए। उन्होंने कहा कि उत्पादों के निर्माण, बाजार और ट्रांसपोर्टेशन को लेकर होनी वाली परेशानियों का दूर करने का हम पूरा प्रयास करेंगे।
बिहार ब्यूरो
मुख्यमंत्री ने सिंगल विडों सिस्टम में सुधार, कौशल विकास मिशन के कार्यों में तीव्रता और कर ढांचे में सुधार को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। बैठक के दौरान कई विभागों के मंत्री और विभागीय सचिव भी मौजूद थे। सबने अपना-अपना पक्ष रखा और सीएम ने उन्हें अपनी अपेक्षाओं से अवगत कराया। बैठक के बाद उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नवीन वर्मा ने बताया कि विकास आयुक्त की अध्यक्षता में मैन्यूफैक्चरिंग टास्क फोर्स बनाया गया था, इसकी अनुशंसाओं पर चर्चा हुई।
उधर मुख्यमंत्री ने कृषि कैबिनेट की हुई बैठक में भी विकास की अपनी प्राथमिकताओं से मंत्री और अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए कृषि और कृषि आधारित उद्योग ही हमारी शक्ति हैं। हम उनमें सुधार और संशोधन कर अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर सकते हैं। सीएम ने इस बात पर नाराजगी जतायी कि फाइलों के निबटारे में अनावश्यक विलंब के कारण विकास कार्यों में भी बाधा आ रही है। मुख्यमंत्री ने लंदन के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि विकास के लिए समर्पण, प्रतिबद्धता और ईमानदारी जरूरी है।