उच्चतम न्यायालय ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को करारा झटका देते हुए उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा चलाने की आज अनुमति दे दी।

 

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की पीठ ने झारखंड उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो की अपील स्वीकार कर ली। शीर्ष अदालत ने कहा कि चारा घोटाला के अलग-अलग मामलों में श्री यादव के खिलाफ मुकदमा चलेगा। पीठ ने कहा कि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अलग-अलग मामले के लिए पृथक-पृथक मुकदमा चलाया जाएगा। श्री यादव के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा एवं पूर्व सचिव सजल चक्रवर्ती के भी खिलाफ मुकदमे चलेंगे।

 

 

पीठ ने निचली अदालत को श्री यादव तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई नौ माह के भीतर करने का निर्देश भी दिया। उच्च न्यायालय ने नवम्बर 2014 में श्री यादव को राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत लगाये गये आरोप हटा दिये थे। उच्च न्यायालय ने श्री यादव के खिलाफ लंबित चार मुकदमे को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि एक मामले में दोषी किसी व्यक्ति के खिलाफ वैसे ही अन्य मामले में समान गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय को अपने निष्कर्षों में एकरुपता रखनी चाहिए थी और एक ही मामले के अलग-अलग आरोपियों के लिए अलग-अलग आदेश नहीं सुनाना चाहिए था।

By Editor