जन अधिकार पार्टी (लो) के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव को आज गर्दनीबाग थाने में दर्ज मामले में शुक्रवार को पटना की निचली अदालत ने नियमित जमानत दे दी. सांसद अब किसी भी वक्‍त बेउर जेल से हो रिहा सकते हैं.  वहीं, सांसद को बेल मिलने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है.

नौकरशाही  डेस्‍क

गौरतलब है कि बेनामी संपत्ति और भ्रष्‍टाचार समेत अन्‍य कई मुद्दों को लेकर 27 मार्च को विधान सभा घेराव के बाद सांसद को गिरफ्तार किया था. हालांकि उनकी गिरफ्तारी काफी नाटकीय ढंग से हुई थी. जब पटना पुलिस  विधान सभा घेराव के बाद सांसद को गिरफ्तार करने उनके मंदिरी आवास पर पहुंचे थे, तब सांसद ने गिरफ्तारी वारंट मांग कर उनके लिए परेशानी खड़ी कर दी थी.

बाद में 27 मार्च की देर शाम को पटना पुलिस ने उन्‍हें गांधी मैदान में दर्ज एक मामले में वारंट जारी कर गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्‍हें न्‍यायायिक प्रक्रिया के तहत बेउर जेल भेज दिया गया था. हालांकि सांसद को गांधी मैदान मामले में जमानत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, जहां उन्‍हें 19 अप्रैल को न्‍यायाधीश आरके मिश्रा की अदालत ने जमानत दे दी थी.

क्‍या था मामला

बता दें कि विधान सभा घेराव के दौरान 27 मार्च को जन अधिकार पार्टी (लो) के कार्यकर्ता और पुलिस में हिंसक भिड़त हो गई थी. जिसके बाद पुलिस ने सांसद समेत जन अधिकार छात्र परिषद के 17 लोगों को भी हिरासत में लिया था. सांसद की गिरफ्तारी का मुद्दा संसद में भी उछला, जब सुपौल से कांग्रेस सांसद पत्‍नी रंजीत रंजन ने इस मामले को संसद में उठाया. इसी क्रम में सांसद पप्‍पू यादव को हथकड़ी लगा कर न्‍यायालय के समक्ष पेशी हुई थी, जिस पर न्‍यायालय ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को फटकार लगाई थी.

सांसद को हथकड़ी लगाने के मुद्दे पर लोक सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिका अर्जुन खड़गे ने भी इसे विशेषाधिकार हनन बताया और स्‍पीकर से इस मामले में हस्‍तक्षेप की मांग की थी. बाद में स्‍पीकर ने पूरे में मामले में पटना पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी.

By Editor