मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा है कि चुनाव में धर्म, जाति और सम्प्रदाय के इस्तेमाल पर रोक लगाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले से आयोग के हाथ और मजबूत हुए हैं और वह न्यायालय के इस फैसले को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है तथा इसके लिए दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं।
डॉ़ जैदी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की लेकिन उन्होंने चुनाव के दौरान बजट के शुरू होने के बारे में राजनीतिक दलों की आपत्तियों पर तथा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दो गुटों के बीच चुनाव चिह्न की दावेदारी के बारे में पूछे जाने पर कोई निर्णायक जवाब नहीं दिया।
यह पूछे जाने पर कि चुनाव की घोषणा होने के बाद जब आज से आचार संहिता लागू हो गयी तो ऐसे में एक फरवरी को केन्द्रीय बजट कैसे पेश किया जाएगा, क्योंकि उसमें कई तरह की लोकलुभावन घोषणायें होती हैं, डॉ जैदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने उन्हें एक ज्ञापन दिया है और आयोग उसका अध्ययन कर रहा है। आयोग इस संबंध में उचित समय पर निर्णय लेगा ।
समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पिछले दो-तीन दिन में समाजवादी पार्टी के दो समूहों की तरफ से उन्हें इस संबंध में ज्ञापन मिले हैं। पहला ज्ञापन मुलायम सिंह यादव की ओर से मिला और दूसरा रामगोपाल यादव एवं अखिलेश यादव की ओर से प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि वह इन दोनों ज्ञापनों का अध्ययन करने के बाद निर्धारित प्रक्रिया और पुरानी परम्पराओं को देखते हुए उचित समय पर निर्णय लेंगे। इस सवाल पर कि इसमें निर्णय लेने में कितना समय लगेगा और क्या आयोग सपा के मौजूदा चुनाव चिह्न साइकिल को जब्त कर दोनों गुटों को अलग-अलग चिह्न देगा, उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की।