राज्यपाल एवं कुलाधिपति लालजी टंडन ने विश्वविद्यालय से अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सेवांत लाभ मिलने में विलंब होने पर कड़ा रुख इख्तियार करते हुये आज कहा कि भुगतान में शिथिलता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
श्री टंडन ने राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को प्रत्येक वित्त वर्ष में सेवानिवृत्त होनेवाले कर्मियों का साफ्टवेयर तैयार कर लेना चाहिए ताकि सेवानिवृत्ति के छः महीने पूर्व से ही आवश्यक प्रक्रियाएं प्रारंभ कर सेवानिवृत्ति के दिन पेंशन, ग्रेच्यूटी एवं जीवन-बीमा से संबंधित राशि संबंधित शिक्षक एवं कर्मी को उपलब्ध करायी जा सकें। राज्यपाल ने कहा कि ‘नैक प्रत्ययन’ के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार पर्याप्त मदद को तैयार है। वैसी स्थिति में इसके लिए शिक्षण संस्थानों द्वारा प्रयासों में शिथिलता क्षम्य नही होगी। उन्होंने मुंगेर विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में भी ‘नैक प्रत्ययन’ के प्रति अपेक्षित सजगता में कमी पर चिंता व्यक्त की और कुलपति को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।
श्री टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव सहित विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े अन्य पदाधिकारियों में कहीं-कहीं बेहतर तालमेल का अभाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को पारस्परिक सहयोग एवं समन्वयपूर्वक कार्य करते हुए विश्वविद्यालयों में सुधार के प्रयासों को गति देनी होगी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सुधार प्रयासों में बाधक तत्त्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।