जदयू के वरीय नेता व पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि लोकतंत्र में सोशल मीडिया एक प्रभावशाली ताकत है, तो वहीँ उसके खतरे भी हैं। जहां भाजपा ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, वहीँ हमने सोशल मीडिया को वैचारिक विमर्श का मंच बनाया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर हमें अपने विचार रखेंगे, उसे फैलायेंगे, परन्तु किसी को अनायास गाली देकर लोकतंत्र को अमर्यादित नहीं करेंगे। अपसंस्कृति का फैलाव नहीं करेंगे।
नौकरशाहीडॉटइन डेस्क
श्री कुमार ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि जनता दल यूनाईटेड एक ऐसा राजनीतिक दल है, जिसमें प्रत्येक वर्ग, समुदाय, जाति व धर्म के लोग स्वतः जुड़े हैं। इस दल में बापू, अम्बेडकर, लोहिया, जेपी, और कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांत निहित है तो न्याय के साथ विकास और सुशासन के प्रति कटिबद्धता भी। इसलिए हम कभी झूठे वादे अथवा विभाजनकारी विचारों की राजनीति नहीं कर सकते। उन्होंने लिखा कि कोई ऐसा समूह नहीं है, जिसका हमारी पार्टी के प्रति दुर्भाव हो अथवा जिसके हित के लिए हमारी पार्टी ने कार्य नहीं किया हो। इसलिए बिहार में हमें सभी वर्ग, समुदाय, जाति व धर्म के लोगों का साथ मिला है और यह हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
नीतीश कुमार ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत भी यही है कि सभी समूहों की इसमें समान रूप से आस्था है। लोकतंत्र विचार और बोली से चलता है, गोली से नहीं। यह बहुत बुनियादी बात है जो सोशल मीडिया पर भी लागू होती है। जब तमाम लोग इस बात को समझने लगेंगे तो सोशल मीडिया की ताकत से लोकतंत्र मज़बूत होगा। उन्होंने लिखा कि पिछले कई हफ़्तों में सौ से अधिक छोटी-बड़ी मीटिंग में जनता दल यूनाईटेड के साथियों से मिलने का अवसर मिला, जिनसे तमाम विषयों पर चर्चा हुई। सोशल मीडिया की बढ़ती भूमिका और इसकी महत्व को लेकर भी विमर्श हुआ और इसके अधिकतम इस्तेमाल का आग्रह भी किया।