बिहार विधान मंडल का परिसर राज्य का सबसे संवेदनशील और उच्च सुरक्षा वाला संसदीय संस्थान है। यदि सत्र चल रहा हो तो इसकी सुरक्षा और बढ़ा दी जाती है। बिना पास के मुख्य द्वार के अंदर प्रवेश पर ही प्रतिबंध रहता है। बकायदा इसका विज्ञापन प्रकाशित करवाया जाता है। पटना एसएसपी के नेतृत्व में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होता है। इन सुरक्षा इंतजाम और पांबदी के बावजूद स्पीकर या सभापति की लिखित अनुमति के बैगर करोड़ों के गिफ्ट बजट सत्र के दौरान विधान मंडल सदस्यों के बीच बांटे जाते हैं। गिफ्ट अध्यक्ष और सभापति के कक्ष के सामने बांटे जाते हैं। एक चैनल के अनुसार, पिछले बजट सत्र में विधान सभा और परिषद सदस्यों के बीच करीब 4 करोड़ रुपये के गिफ्ट बांटे गए थे।
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो प्रमुख
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिफ्ट सभी मंत्रियों की ओर से बांटे जाते हैं। संबंधित मंत्री अपने विभाग की संचित निधि से ये गिफ्ट बांटते हैं। इसके लिए कोई लिखित अनुमति स्पीकर या चेयरमैन से नहीं ली जाती है। सदस्यों को बांटे जा रहे गिफ्ट सामग्री की सूचना भी स्पीकर या सभापति को नहीं दी जाती है। हर सदस्य को विभाग के रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर गिफ्ट लेना होता है। जो सदस्य विधान सभा या परिषद से गिफ्ट नहीं ले पाते हैं, उनके घर भेज दिया जाता है।
सुरक्षा दाव पर
सदस्यों को बांटने वाले गिफ्ट जिन वाहनों पर लाद कर लाए जाते हैं, उनके लिए अलग से पास निर्गत नहीं किए जाते हैं। सुरक्षा अधिकारी यह भी जांच नहीं करते हैं कि गिफ्ट के रूप में कौन सी चीज विधानमंडल परिसर में जा रही है। सुरक्षा अधिकारियों को यह बता दिया जाता है कि यह सदस्यों के लिए गिफ्ट है। इतनी ही बात पर गिफ्ट लदे वाहनों को प्रवेश की अनुमति मिल जाती है। जबकि सत्र के दौरान बिना पास वाले वाहनों के अंदर जाने की अनुमति नहीं होती है।
कोई हिसाब-किताब नहीं
विधान मंडल के एक पदाधिकारी ने बताया कि गिफ्ट को लेकर किसी प्रकार की कागजी औपचारिकता का निर्वाह नहीं किया जाता है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसी परंपरा के तहत सदस्यों को गिफ्ट दिए जाते हैं।
बजट सत्र में बांटे गए गिफ्ट
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विधान परिषद सभापति निधि के अतिरिक्त कम से कम 19 विभागों ओर से बजट सत्र में गिफ्ट बांटे गए। विधान परिषद सभापति निधि से टैबलेट दिए गए। ग्रामीण विकास विभाग ने भी टैबलेट बांटे थे। पथ निर्माण विभाग ने मोबाइल बांटे, जबकि शिक्षा और पर्यटन विभाग ने घड़ी बांटे। खाद्य, लघु सिंचाई, कृषि, जल संसाधन, नगर विकास और पीएचइडी ने ट्रॉली बिफ्रकेश बांटे थे। खान और राजस्व विभाग ने एक्जीक्वीटिव बैग बांटे थे। पर्यावरण विभाग ने वाटर कूलर, स्वास्थ्य और उद्योग विभाग ने सामान भर के जूट का झोला, गन्ना विकास मंत्री ने लैपटॉप बैग में सामान भर कर बांटे थे। श्रम संसाधन, सहकारिता और पंचायती राज ने भी आकर्षक उपहार सदस्यों के बीच बांटे थे।