64 वें बीपीएससी के रिजल्ट में तीन साल की देरी का क्या है राज
मैट्रिक का रिजल्ट समय पर देने के लिए अपनी पीठ ठोक रही सरकार तीन साल बाद भी 64 वें बीपीएससी का रिजल्ट देने में विफल क्यों है। परीक्षार्थियों ने उठाया सवाल।
रोज अखबार पाजिटिव सोचने के टिप्स देते हैं, लेकिन कोई संपादक सरकार से यह नहीं पूछता कि बिहार की सबसे श्रेष्ठ युवा आबादी की जिंदगी में अंधेरा क्यों भरा जा रहा है। क्या यह बिहार की प्रतिभा की भ्रूण-हत्या नहीं है, क्या बिहार अपनी प्रतिभा को मारकर कभी विकसित हो सकता है? बात हो रही है 64 वें बीपीएससी के रिजल्ट में तीन साल की देरी पर।
अखबार भविष्यसूचक खबरों से भरे रहते हैं, अधिकतर खबरें होगा, होगी में रहती हैं, वर्तमान की बात नहीं रहती। इसीलिए आज सोशल मीडिया पर 64 वें बीपीएससी के परीक्षार्थियों ने हल्ला बोल दिया है। वे सवाल कर रहे हैं कि रिजल्ट में तीन साल की देरी क्यों? परीक्षार्थी आशंका जता रहे हैं कि देरी से रिजल्ट में हेरा-फेरी करने वालों की बन आएगी।
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रिजल्ट में देरी से परीक्षार्थियों में रोष भी दिख रहा है। मनीष @MKPatel50915790 ने लिखा है सुन लो बिहार सरकार, 64 वीं का रिजल्ट दो, वर्ना रण के लिए तैयार रहो। जिशान आरिफ लिखते हैं कि सरकार हर बार 15 दिनों के लिए रिजल्ट की तिथि बढ़ा देती है। यह और कुछ नहीं, भ्रष्टाचार को आमंत्रण है।
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अतुल कुमार बादल ने लिखा है सरकारी परीक्षाओं में सुधार पर अब चर्चा होनी चाहिए। परीक्षा संपन्न होते-होते युवा बूढ़ा हो जाता है। #BPSC 64TH की परीक्षा प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी। फरवरी, 2021 में इंटरव्यू प्रक्रिया खत्म होने के बाद भी अभी तक रिजल्ट विभिन्न कारणों से अटके हैं।
सैयद जमाल लिखते हैं कि उर्दू अनुवादकों पर भी चर्चा होनी चाहिए। मोहित सिंह को इस बात की आशंका है कि रिजल्ट में देर होने से सारी सीटें बीक जाएंगी। युवाओं का कहना है कि रिजल्ट में देरी का यही है राज।