बिहार चुनाव में वो सीटें जहाँ होंगे दिलचस्प महामुकाबले

शाहबाज़ की रिपोर्ट

बिहार चुनाव के पहले चरण के लिए कुल 1357 प्रत्याशियों ने परचा भरा है, दुसरे और तीसरे चरण का नामांकन अभी होना बाकी है लेकिन बिहार विधान सभा की कुछ सीटें ऐसी हैं जिनपर सबकी नज़रें जमी रहेंगी क्यूंकि यहाँ पर दिलचस्प महामुकाबले होने है.

बिहार चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद राजनीतिक परिदृश्य बहुत तेज़ी से बदले है. कुल मिलाकर पांच गठबंधन (NDA, Grand Alliance, GDSF, PDA & UDA) इस गलाकाट राजनीतिक प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे है. ऐसे में कई सीटों पर मुकाबला दिलस्प होने वाला है. इसलिए तमाम प्रत्याशी एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं.

एक नज़र डालते हैं इन सीटों पर जहाँ होंगे महामुकाबले

राघोपुर

राघोपुर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की पहचान से जुडी हुई सीट है. राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव दो बार (1995 & 2000) में एवं उनकी पत्नी राबड़ी देवी एक एक बार (2005) में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. बिहार विधान सभा चुनाव 2010 में जदयू के सतीश कुमार यादव ने इस सीट से जीत हासिल कर राजद को चुनौती दे दी थी. लेकिन 2015 में तेजस्वी यादव ने इस सीट पर फिर से राजद का कब्ज़ा सुनिश्चित किया था. तेजस्वी यादव इस सीट से फिर से चुनाव लड़ सकते है. वही जदयू के भोला राय तेजस्वी को हराने के लिए पूरी ताकत झोंकनी पड़ेगी।

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बक्सर

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस सीट से चुनाव लड़ने की दो बार नाकाम कोशिश कर चुके है. लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. भाजपा ने परशुराम चतुर्वेदी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से राजद प्रत्याशी फिलहाल तय नहीं है. लेकिन बिहार चुनाव 2000, 2005 और 2010 में भाजपा के उम्मीदवारों ने इस सीट से जीत दर्ज किया था. 2015 में कांग्रेस नेता संजय कुमार तिवारी इस सीट से विधायक बने थे. भाजपा इस सीट को फिर से जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है.

हसनपुर

राजद नेता तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव समस्तीपुर के हसनपुर विधान सभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट से जदयू के राज कुमार राय दो बार (2010 & 2015) में विधायक रह चुके है. 2020 में भी राज कुमार राय ही जदयू से इस सीट के उम्मीदवार हैं. तेज प्रताप इस सीट को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. अगर इस बार तेज प्रताप इस सीट से जीत हासिल कर लेते हैं तो यह सीट फिर से राजद के कब्ज़े में होगी। बता दें कि राजद ने साल 2005 में हुए दोनों बिहार चुनावों में इस सीट से जीत हासिल की थी.

नालंदा

बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार का गृह जिला है नालंदा, इस सीट से जदयू ने श्रवण कुमार को उम्मीदवार बनाया है. हलाकि राजद द्वारा इस सीट का उम्मीदवार भी तक घोषित नहीं हुआ है. लेकिन जदयू लगातार 2005 से यह सीट जीत रही है. वही श्रवण कुमार इस सीट से लगातार पांच बार विधायक रहे हैं. एक तरह से नालंदा विधान सभा क्षेत्र पर जदयू का बीते 15 सालों से कब्ज़ा रहा है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यहाँ से राजद का उम्मीदवार कौन होगा एवं इस सीट पर चुनाव का क्या परिणाम होगा।

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