भाजपा-लोजपा ने नीतीश को NDA से आउट करने का प्लान बना लिया है ?

शाहबाज़ की इनसाइड पोलिटिकल स्टोरी

बड़ी खबर यह है कि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) एनडीए गठबंधन से अलग होकर 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) आज ऐलान कर सकते है.

बता दें कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के एनडीए गठबंधन से अलग होने की चर्चाएं काफी दिनों से चल रही थी. लोजपा लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले कर रही थी. लोजपा के एनडीए गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने की बात तय हो गयी है. लेकिन The Hindu अख़बार के मुताबिक लोजपा का चुनावी कैंपेन पुरे तौर पर नीतीश कुमार के खिलाफ और भाजपा के समर्थन में होगा। लोजपा “मोदी से बैर नहीं, नीतीश अब तेरी खैर नहीं” के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी.

लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (Jagat Prakash Nadda) से गुरुवार को मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद यह तय हो गया है कि लोजपा एनडीए से अलग होकर 143 सीटों पर चुनाव लड़ेगी लेकिन दोनों पार्टियां (BJP & LJP) इस बात पर सहमत है कि दोनों एक दुसरे के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी। चुनाव के बाद लोजपा भाजपा के साथ गठबंधन (Post-Poll Alliance) करेगी और भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का समर्थन करेगी।

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लोजपा की रणनीति के अनुसार वह जदयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इसके तहत पार्टी उच्च जाति के उम्मदवारो को भी चुनावी मैदान में उतार सकती है. इस रणनीति का मकसद भाजपा के समर्थन में और नीतीश के खिलाफ जितने वोट आ सकते है उन्हें एकत्रित करना है. ऐसे में लोजपा का चुनावी कैंपेन मोदी के समर्थन और नीतीश के विरोध में होगा।

याद दिला दें कि लोजपा ने 2015 बिहार विधान सभा चुनाव में 42 सीटों पर चुनाव लड़ा था. पार्टी के नेताओं ने The Hindu अखबार को बताया कि पिछले चुनाव में लोजपा का वोट शेयर 4.83% था. अगर पार्टी 143 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो इसका वोट शेयर स्वाभाविक रूप से बढ़ेगा। लोजपा के नेताओं से News18 Bihar को बताया कि हमारा राष्ट्रीय स्टार पर एनडीए के साथ गठबंधन है.

बता दें कि लोजपा की महत्वपूर्ण बैठक आज दिल्ली में होगी। जिसके बाद चिराग पासवान एनडीए से अलग होकर 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते है.

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दरअसल बिहार चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी भाजपा की प्रतिनिधि (Proxy) की भूमिका में होगी। इसे आप इस तरह समझ सकते है कि लोजपा के अनुसार वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर एनडीए गठबंधन को नुक्सान हो सकता है क्यूंकि बेरोज़गारी,कोरोना महामारी और बाढ़ के कारण नीतीश की विस्वसनीयता घट चुकी है.

राजनीतिक विश्लेषकों मानते है कि यह नीतीश को एनडीए गठबंधन से बाहर करने का गेम प्लान है. भाजपा नीतीश के चेहरे के सहारे चुनावी मैदान में उतरने का जोखिम नहीं लेना चाहती है. इसलिए प्लान बी के तहत चिराग पासवान एनडीए से बहार होकर चुनाव लड़ेंगे। चुनावों के बाद भाजपा-लोजपा गठबंधन कर लेगी और भाजपा के मुख्यमंत्री का समर्थन करेगी। भाजपा के रूख से यही लगता है कि अब नीतीश कुमार स्वेच्छा से चाहें तो एनडीए छोड़ सकते है.

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