सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऐतिहासिक फासला दिया। एसबीआई को कल मंगलवार शाम पांच बजे तक इलेक्टोरल बॉन्ड की सारी जानकारी देने का आदेश दिया। चुनाव आयोग को भी आदेश दिया कि वह 15 मार्च तक सारी जानकारी अपनी वेबसाइट पर साझा करे। इसी बीच देर शाम केंद्र सरकार ने सीएए लागू करने की घोषणा कर दी है। विभिन्न शहरों में पुलिस ने फ्लैग मार्च शुरू कर दिए। जाहिर है सुप्रीम कोर्ट के उस ऐतिहासक फैसले की खबर टीवी से बाहर हो गई और अचानक सारे चैनलों पर केंद्र सरकार के इस फैसले पर चर्चा शुरू हो गई है।

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इस बीच प्रबुद्ध मुस्लिमों ने मुस्लिम भाइयों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें। कोई प्रतिक्रिया न दें। केंद्र सरकार चाहती है कि मुस्लिम उग्र हों, ताकि देश में इलेक्टोरल बॉन्ड में हुई लूट, बेरोजगारी, किसानों के मुद्दे तथा जनता के वास्तविक मुद्दों पर बात न हो। नौकरशाही डॉट कॉम के संपादक इर्शादुल हक ने कहा कि केंद्र ने लागू किया #CAA । मुसलमान क्या करें ? कोई प्रतिक्रिया न दें। चुनाव हो जाने तक धरना, प्रदर्शन विरोध से तौबा करें। Citizenship Ammendment Act पर कोई कार्रवाई चुनाव के बाद होगी। पैनिक न हों। मुसलमान खामोश रहे तो राम मंदिर की तरह यह भी मुद्दा फ्लॉप हो जाएगा।

इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा भाजपा एक और सवाल पर घिर गई है। उसके एक सांसद ने कल कहा था कि अगर भाजपा को 400 सीटें मिल गई तो संविधान को बदल दिया जाएगा। इस बयान के बाद देश भर भाजपा घिर गई। कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है। इधर आज इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भाजपा और भी घिर गई। जानकार मान रहे हैं कि देश का एजेंडा बदलने के लिए केंद्र सरकार ने सीएए लागू करने की घोषणा कर दी है। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि सीएए लागू करने से पहले केंद्र सरकार को नियमावली बनानी थी। वह भी अभी तक बनी है या नहीं, स्पष्ट नहीं है।

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By Editor