चुनावी सर्वे से भाजपा परेशान, मिजोरम में भी कांग्रेस सबसे आगे
चुनावी सर्वे से भाजपा परेशान, मिजोरम में भी कांग्रेस सबसे आगे। पहली बार प्रधानमंत्री किसी प्रदेश चुनाव में प्रचार करने नहीं गए। मिजोरम नहीं गए।
मिजोरम में मतदान शुरू होने में कुछ घंटे ही बचे हैं। ऐसा पहली बार हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी प्रदेश के चुनाव में पार्टी का प्रचार करने नहीं गए। यहां के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने प्रधानमंत्री के साथ मंच शेयर करने से इनकार कर दिया था। यह भी पहली बार हुआ कि भाजपा के सहयोगी दल के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करने से इनकार किया हो। उन्होंने कहा था कि अगर वे प्रधानमंत्री के साथ दिखे, तो उन्हें चुनाव में नुकसान होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री का तय कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। अब उन्होंने वीडियो जारी करके समर्थन की अपील की है। अब ताजा चुनावी सर्वे में इस प्रदेश में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरती दिख रही है। मिजोरम में विधानसभा की कुल 40 सीटें हैं। यहां कांग्रेस अधिकतम 17 सीटें पा सकती है, जबकि सत्ताधारी एमएनएफ पिछड़ती दिख रही है। उसे अधिकतम 13 सीटें मिल सकती हैं।
मिजोरम में 2018 के चुनाव में एमएनएफ को 27 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं सहयोगी भाजपा को एक सीट मिली थी। कांग्रेस को चार सीटों पर जीत मिली थी। याद रहे मिजोरम का पड़ोसी प्रदेश मणिपुर है, जो छह महीने से हिंसा का शिकार है और जहां प्रधानमंत्री एक बार भी नहीं गए।
मिजोरम के भाजपा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा तेलंगाना में भी पिछड़ती दिख रही है। एकमात्र राजस्थान है, जहां चुनावी सर्वे में उसे आगे बताया गया है। मध्य प्रदेश भाजपा का पुराना गढ़ रहा है और यहां भाजपा ने अपनी सारी ताकत झोंक दी है। केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसद मैदान में उतार दिए हैं। हालांकि ये सांसद अपने-अपने क्षेत्र में ही फंसे हैं और ऐसा करने का भाजपा को बहुत राजनीतिक लाभ होता नहीं दिख रहा है। मध्य प्रदेश में ताजा सर्वे में कांग्रेस अधिकतम 130 सीट ला सकती है, जबकि भाजपा 100 के आसपास दिख रही है।
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