दरभंगा : अल्पसंख्यकों के घर में पुलिस का तांडव, गिरा नेमप्लेट गवाह
दरभंगा : अल्पसंख्यकों के घर में पुलिस का तांडव, गिरा नेमप्लेट गवाह। मालपट्टी में आधी रात महिला-पुरुष सबको पीटा। बेदारी कारवां ने की कार्रवाई की मांग।
दरभंगा एक तरफ असामाजिक तत्व सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं पुलिस का भेदभावपूर्ण रवैया सामने आया है। पुलिस आधी रात अल्पसंख्यकों के घर में घुसी और महिला -पुरुष सबके साथ मारपीट की। कईयों को घायल कर दिया। इसका गवाह है एक घर में पुलिसवाले का गिरा नेमप्लेट। नेमप्लेट पर ब्रह्मदेव सिंह लिखा है। यहां दो समुदायों में विवाद हुआ था। इसके बाद पुलिस ने अल्पसंख्यकों के घरों में घुस कर तांडव मचाया। क्या बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई करेंगे और आम जन में भरोसा पैदा करेंगे कि गलत करने वाला कोई भी, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम ने मालपट्टी में पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद दरभंगा में प्रेस वार्ता में कहा कि मालपट्टी हिंसा में एक बजे रात में एक विशेष समुदाय के घरों में घुसकर तांडव मचाने वाले महाशय में एक महाशय का नेमप्लेट ही घर में गिर गया। अब इस पर जिला प्रशासन का क्या रुख होगा और कैसी कार्रवाई होगी? पुलिस प्रशासन को देखकर लोग खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं लेकिन जब वही पुलिस गैरकानूनी ढंग से तांडव मचाने लगे तो आम जन किस पर भरोसा करे। उन्होंने उम्मीद जताई कि दरभंगा जिला प्रशासन निष्पक्ष जांच कर नेमप्लेट वाले महाशय पर न सिर्फ कानूनी कार्रवाई करेगा, बल्कि सस्पेंड करके जेल में भी डालेगा।
नजरे आलम ने बताया कि उक्त गांव में श्मशान है, जहां हिंदू भाई शवों का अंतिम संस्कार करते रहे हैं। बगल में एक मुस्लिम महिला की जमीन है। नजरे आलम ने स्थानीय मुखिया अजय झा पर आरोप लगाया कि मुखिया ने लोगों को श्मशान के बाजाय मुस्लिम महिला की जमीन में शव जलाने के लिए उकसाया। इसके बाद दोनों समुदाय में विवाद हुआ। फिर प्रशासन ने आकर शव को श्मशान में जलवाया। फिर अचानक आधी रात को पुलिस ने सिर्फ अल्पसंख्यक घरों में हो क्यों मारपीट की। उन्होंने कहा कि एक पक्षीय कार्रवाई से प्रशासन की भूमिका संदिग्ध हो गई है। एक पक्ष के आठ लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि दूसरे पक्ष के लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया।
बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम ने कहा कि वे जिले में सांप्रदायिक विभाजन, द्वेष पैदा करने और लोगों को आपस में लड़ाने के सख्त खिलाफ हैं। दरभंगा को सांप्रदायिक हिंसा की प्रयोगशाला नहीं बनने देंगे। साथ ही उन्होंने राज्य के आला पुलिस अधिकारियों से जिनका नेमप्लेट गिरा है उनके तथा आधी रात महिला-पुरुष से मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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