EXCLUSIVE : जदयू से RCP की बगावत में आया नया मोड़
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP दिल्ली में हैं। कैबिनेट की बैठक बुधवार को थी, लेकिन वे वहीं जमे हैं। इस बीच नौकरशाही डॉट कॉम को एक बड़ी जानकारी मिली है।
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह मंगलवार को दिल्ली गए। बुधवार को कबिनेट की बैठक थी। इससे पहले वे बैठक के बाद उसी शाम पटना लौट आए थे, लेकिन इस बार वे दिल्ली में जम गए हैं। इस बीच नौकरशाही डॉट कॉम को जानकारी मिली है कि उनके करीबियों की संख्या दिन-पर दिन घटती जा रहा है और जो करीबी हैं, उनमें भी दो राय है।
नौकरशाही डॉट कॉम को आरसीपी सिंह के पटना आवास के बाहर उत्तर बिहार के कार्यकर्ताओं ने एक विशेष जानकारी दी। इससे पाठकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि आखिर भीतर क्या चल रहा है। कार्यकर्ताओं से उनकी राय पूछने पर उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिगाड़ नहीं करना चाहिए। कुछ दिन चुपचाप बैठना चाहिए। उसके बाद नीतीश कुमार से रिश्ते सामान्य हो जाएंगे। फिर भविष्य में वे पहले की तरह राजनीति के केंद्र में आ सकते हैं। परिचय बताने के बाद उन्होंने नाम प्रकाशित करने से मना किया। यह पूछने पर कि क्या उनकी सलाह उन्होंने आरसीपी तक पहुंचाई है। इस पर उन्होंने ना कहा लेकिन जोड़ा कि सलाह देनेवाले दे चुके होंगे। इन कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी थी कि फेसबुक पर कुछ लोग आरसीपी को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए अभियान चला रहे हैं। हालांकि यह भी सत्य है कि 24 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी जदयू के किसी प्रमुख नेता ने अभियान का समर्थन नहीं किया है। इस संबंध में पढ़िए यह खबर-
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हालांकि अब भी कुछ लोगों को उम्मीद की एक कमजोर किरण दिख रही है कि शायद आरसीपी सिंह फिर से नीतीश कुमार के साथ संबंध सामान्य करने की कोशिश करें, लेकिन जदयू के बारे में गहरी जानकारी लोग मान रहे हैं कि आरसीपी सिंह ने अब अपना रास्ता अलग कर लिया है। वे भाजपा के करीब हैं। आरसीपी सिंह की जातीय जनगणना जैसे बिहार के बड़े मुद्दे पर चुप्पी भी इसी ओर इशारा करती है। मालूम हो कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जातीय जनगणना कराने का अव्यावहारिक बता चुका है।
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