किसका असर? दो दिनों में कम हो सकती है पेट्रोल-गैस की कीमत

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमत कम हो सकती है। क्या यह कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में जुटती भारी भीड़ का नतीजा है?

अब तक भाजपा देश में नैरेटिव (चर्चा का विषय) तय करती थी। उसका जवाब विपक्ष देता था। अरसे बाद दिख रहा है कि नैरेटिव विपक्ष तय कर रहा है और जवाब भाजपा को देना पड़ रहा है। इसका प्रमाण है आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी दोनों ने भारत जोड़ो यात्रा पर हमला किया। अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा से पहले भारत का इतिहास पढ़ना चाहिए। वहीं स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में एक देश तोड़नेवाला शामिल है। उनका इशारा युवा नेता कन्हैया कुमार की ओर था।

इस बीच आज दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चा फैली की 72 घंटे के भीतर केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमत में कमी कर सकती है। राजनीतिक विश्लेषक इसे कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ती भारी भीड़ और सफलता को मान रहे हैं। माना जा रहा है कि अगर महंगाई कम नहीं की गई, तो भारत जोड़ो यात्रा की सफलता बढ़ती जाएगी, जिससे भाजपा को गुजरात, कर्नाटक और हिमाचल के चुनावों में परेशानी हो सकती है। कांग्रेस नेता और मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा-यदि अगले 24-72 घंटों में पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस की कीमतें कम हो जाती हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि #BharatJodoYatra ने मोदी सरकार को अपना कार्तव्य निभाने के लिए जगा दिया है।

महंगाई कम करने की वजह भारत जोड़ो यात्रा को मानने के पीछे एक यह भी कारण है कि क्रूड ऑयल की कीमत विश्व बाजार में पिछले सात महीने से कम हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने जनता को कोई राहत नहीं दी। अब अचानक कीमत कम करने के पीछे क्या कारण है? इसका जवाब यही दिया जा रहा है कि पहले सोशल मीडिया में कई लोग लिखते थे कि पेट्रोल की कीमत 300 रुपए लीटर हो जाए, तब भी वे मोदी सरकार को समर्थन देंगे। ऐसा कहनेवाला हिस्सा कमजोर पड़ा है और महंगाई से परेशान लोगों की आवाज मजबूत हुई है।

भारत जोड़ो यात्रा पर जिस तरह भाजपा के बड़े नेता अब नुक्श निकालने लगे हैं, उससे भी माना जा रहा है कि इस यात्रा से भाजपा नेतृत्व परेशान है।

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By Editor