मुख्यमंत्री के करीबी पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। वे दो दिन पहले जदयू में शामिल हुए थे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को उन्हें संगठन में महासचिव के पद पर नियुक्त किया। पार्टी नेताओं ने वर्मा को महासचिव बनाए जाने पर बधाई दी है। 9 जुलाई को जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दी थी। उसके बाद से ही चर्चा थी कि नीतीश कुमार उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी देंगे। माना जा रहा था कि पार्टी संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष पद फिलहाल खाली है और इस पद पर वे नियुक्त किए जा सकते हैं, लेकिन उन्हें महासचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है।

मनीष वर्मा ओडिशा कैडर के आईएएस रहे हैं। वे 2012 में डेपुटेशन पर पांच साल के लिए बिहार आए। माना जाता है कि नीतीश कुमार ने ही उन्हें बिहार बुलाया। पांच साल पूरा होने के बाद उन्हें एक साल का विस्तार मिला। 2018 में वापस ओड़िशा जाने के बजाय उन्होंने वीआरएस ले लिया। तभी मान लिया गया था कि नीतीश कुमार उन्हें राजनीति में लाएंगे। उनके लिए एक विशेष पद सृजित किया गया। वे मुख्यमंत्री के परामर्शी के रूप में काम करते रहे। फिर आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े, लेकिन वे मुख्य रूप से नीतीश कुमार के करीबी बने रहे। याद रहे पिछले दिनों विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार सरकार को एक आईएएस चला रहे हैं।

————-

मोदी के बाल बुद्धिवाले हमले के बाद कांग्रेस का बैल बुद्धि वाला जवाब

————

मनीष वर्मा को महासचिव पद दिए जाने से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री फिलहाल संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहते हैं। अगले साल बिहार विधान सभा ता चुनाव है। चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए संगठन की मजबूती पर जोर देना जरूरी समझा गया। हालांकि जदयू में पद से ज्यादा महत्व नीतीश कुमार का करीबी होना है। अब देखना है कि वे संगठन को किस प्रकार मजबूत करते हैं। इसके लिए नया क्या करते हैं।

प्रशांत किशोर 75 मुस्लिम प्रत्याशी उतारेंगे

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427