मुस्लिम सियासत की नई परिभाषा गढ़ रहे जाप के मो. शहजाद
मुस्लिम सियासत की नई परिभाषा गढ़ रहे जाप के मो. शहजाद। मुसलमानों में नेता तो बहुत हैं, पर हक के लिए लड़ने का वक्त आता है, तो कुर्सी बचाने में लग जाते हैं।
जन अधिकार पार्टी (जाप) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष मो. शहजाद ने कहा कि मुसलमानों में नेता तो बहुत हैं, पर हक के लिए लड़ने का वक्त आता है, तो सभी अपनी कुर्सी बचाने में लग जाते हैं। ऐसे नेताओं को आगे बढ़ाने में समाज अपनी पूरी ताकत लगाता है। समाज के बल पर ये नेता विधायक और मंत्री भी बन जाते हैं, लेकिन विधायक-मंत्री बनते ही उनकी प्राथमिकता बदल जाती है। उनकी प्राथमिकता विधायकी बचाना या मंत्री पद बचाने तक सीमित हो जाती है। समाज पीछे छूट जाता है। समाज खुद को ठगा हुआ महसूस करता है। मो. शहजाद ने कहा कि वे इस राजनीति को बदलने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
जब से मो. शहजाद जाप अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बने हैं, उन्होंने कार्यक्रमों की झड़ी लगा दी है। मणिपुर में जिस तरह महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुईं, हिंसा हुई, उसके विरुद्ध पटना में उन्होंने कई कार्यक्रम किए। कैंडल मार्च से लेकर रेल रोको आंदोलन तक किया। सभा, जुलूस, प्रदर्शन लगातार कर रहे हैं।
देश को बर्बाद करने पर तुली है मोदी सरकार : मो. शहजाद
मो. शहजाद हर प्रमुख मुद्दे पर मुखर रहे हैं। शिक्षक आंदोलन के साथ मजबूती से खड़े हुए। राज्य सरकार की डोमिसाइल नीति पर सवाल उठाया। जहां भी अन्याय होता है, वे पीड़ित के पक्ष में हाजिर हो जाते हैं। मो. शहजाद पर पार्टी अध्यक्ष पूर्व सांसद पप्पू यादव का गहरा असर है। पप्पू यादव भी जहां भी कोई जुल्म-अत्याचार होता है, वे पीड़ित के पक्ष में पहुंच जाते हैं। लगातार सक्रिय रहते हैं। जनता के बीच रहते हैं।
मो. शहजाद ने नौकरशाही डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि मुसलमानों को सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करने वालों ने समाज को धोखा दिया है। समाज का इस्तेमाल करने वालों की जरूरत नहीं है, बल्कि समाज के लिए लड़ने वाले नेता की जरूरत है। उन्होंने जाप के बारे में बताया कि उनकी पार्टी राज्य में बढ़ते अपराध के खिलाफ लोगों को संगठित कर रही है। 17 अगस्त को मुजफ्फरपुर बंद का आयोजन किया गया और आज 21 अगस्त को अपराध के खिलाफ ही डेहरी बंद का आयोजन किया गया है।
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