नीतीश ने बुलाई महागठबंधन विधायकों की बैठक, क्या बनी रणनीति
नीतीश ने बुलाई महागठबंधन विधायकों की बैठक, क्या बनी रणनीति। बैठक में तेजस्वी यादव भी मौजूद। भाजपा की मुद्दे से भटकाने की कोशिश से कैसे निपटेंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को महागठबंधन विधायकों की बैठक बुलाई। जाति गणना और उसके बाद सरकार के कई बड़े फैसले लेने के बाद महागठबंधन विधायकों की यह पहली बैठक थी। बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। बैठक में भाजपा की मुद्दों से भटकाने से निबटने तथा जाति गणना, आरक्षण, गरीबों के विकास के लिए सरकार के निर्णय पर फोकस करने पर जोर दिया गया।
बैठक में कहा गया कि जाति गणना की रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा ने पहले इसमें गड़बड़ी का आरोप सगाया। गृह मंत्री अमित शाह ने मुजफ्फरपुर में कहा कि यादवों और मुसलमानों की संख्या जानबूझ कर बढ़ाई गई। कुल मिला कर भाजपा ने जाति गणना के खिलाफ अविश्वास का माहौल बनाने का प्रयास किया, लेकिन सरकार अपने आंकड़ों पर टिकी रही। अब जबकि पिछड़ों-दलितों के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव कैबिनेट ने ले लिया है, गरीब परिवारों को दो लाख रुपए मदद स्वरूप दिए जाने का निर्णय लिया है, तो महागठबंधन विधायक इन बातों को जनता के बीच ले जाएंगे।
आरक्षण का कोटा बढ़ाने के निर्णय के बाद भाजपा का पूरा जोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान के खिलाफ माहौल बनाना है, जिसमें मुख्यमंत्री ने प्रजनन दर को कम करने में महिलाओं के सशक्त होने का महत्व बताया। भाजपा ने उनके शब्दों को मुद्दा बनाया, तो मुख्यमंत्री ने माफी मांगी और कहा कि उनके शब्दों से किसी को दुख हुआ, तो वे अपने शब्द वापस लेते हैं। नीतीश ने ऐसा करके आरक्षण के मुद्दे को कमजोर करने के प्रयास को विफल करने की कोशिश की है।
सरकार ने जो आंकड़े दिए हैं, उससे साफ है कि पिछड़ों की तुलना में सामान्य वर्ग के लोग सरकारी नौकरी में ज्यादा हैं। आरक्षण का कोटा दलितों, पिछड़ों तथा अतिपिछड़ों के लिए बढ़ाया गया है। महागठबंधन के विधायक इन तथ्यों को भी जनता के बीच ले जाएंगे। महागठबंधन के सूत्रों ने बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव में पूरी मजबूती के साथ उतरने का निर्णय लिया गया।
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