विधान परिषद के लिए 4 को नीतीश का नामांकन, अन्य दल भी तैयार

विधान परिषद के लिए 4 को नीतीश का नामांकन, अन्य दल भी तैयार। 11 मार्च को नामांकन की आखिरी तारीख। दो नाम फाइनल, शेष पर अटकलबाजी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार मार्च को बिहार विधान परिषद के लिए नामांकन कर सकते हैं। नामांकन करने के बाद उसी दिन उनके विदेश दौरे पर निकलने की खबर है। परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव होना है, जिसकी अधिसूचना चार मार्च को जारी होगी। नामांकन की आखिरी तारीख 11 मार्च है। जिन 11 सीटों के लिए परिषद का चुनाव होना है, उनके लिए दो नाम पर कोई विवाद नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का नामांकन करना तय है। इसके बाद शेष 9 सीटों के लिए नामों पर अटकलबाजी चल रही है।

11 सीटों के लिए होने वाले परिषद चुनाव में एक प्रत्याशी को 22 विधायकों का वोट चाहिए। इस हिसाब से राजद और भाजपा के तीन-तीन प्रत्याशियों की जीत निश्चित है। आज की स्थिति के अनुसार एनडीए के छह और महागठबंधन के पांच प्रत्याशियों की जीत निश्चित दिख रही है।

बिहार भाजपा ने परिषद चुनाव के लिए सूची तैयार कर ली है। सूची को केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजा गया है। भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी कह चुके हैं कि हम नेता और मंत्री संतोष सुमन को परिषद में भेजेंगे। इसके बाद शेष दो नाम स्पष्ट नहीं हैं। इधर जदयू के दो प्रत्याशी होंगे। नीतीश कुमार के अलावा खालिद अनवर की सीट खाली हो रही है। मुख्यमंत्री के बाद दूसरे प्रत्याशी के तौर पर वह किसी मुस्लिम का नाम भेज सकती है। इस स्थान पर वह किसी अतिपिछड़ा का नाम भी आगे कर सकती है।

जदयू खेमे में सबसे ज्यादा असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। राज्यसभा के लिए संजय झा को भेजे जाने से अतिपिछड़ा तबके में निराशा देखी जा रही है। याद रहे अतिपिछड़ा वर्ग को सभी दल लुभाना चाहते हैं। भाजपा ने राज्यसभा में दो अतिपिछड़े वर्ग के नेताओं को भेज कर यही संदेश देने की कोशिश की है। राजद की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का परिषद के लिए नामांकन करना तय है।

कांग्रेस के 19 विधायक थे। इनमें दो पार्टी छोड़ चुके हैं। अब कांग्रेस के 17 विधायक हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि अब उनका कोई विधायक कहीं नहीं जाने वाला है। कांग्रेस के भी एक पार्षद का चुना जाना संभव दिखता है। उसे पांच विधायकों का समर्थन चाहिए। महागठबंधन से पांचवां प्रत्याशी किस दल का होगा, अभी कहा नहीं जा सकता है। यह पांचवां प्रत्याशी वाम दलों का भी हो सकता है या राजद का भी।

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