रो रहीं बेटियां, राजद ने हिला देनेवाला फोटो किया शेयर
हम-आप उस बेटी की पीड़ा शायद कभी महसूस नहीं कर पाएंगे, जिसके पास अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे न हों। राजद ने आज एक ऐसी ही बेटी का फोटो शेयर किया।
कोविड अब गांवों में फैल चुका है। लोग रात में अच्छे-भले सोते हैं और सोए रह जाते हैं। न कोई जांच, न कोई आर्थिक मदद। बिहार की लगभग 37 फीसदी आबादी बेहद गरीब है। इन पर क्या गुजर रही है, इसकी सुध लेनेवाला कोई नहीं।
आज राजद ने अररिया की एक बेटी का फोटो शेयर किया है, जिसमें प्लास्टिक में लिपटा उसकी मां का शव है। उस बेटी के पिता का कुछ दिन पहले कोरोना से निधन हो चुका है। अब मां भी नहीं रही। उसके पास मां की अंत्येष्टि तक के लिए पैसे नहीं हैं। उसने एक गड्ढा खोदा है, जिसमें वह शव को किसी तरह डालने की तैयारी में है।
राजद ने ट्विट किया-नीतीश जी यह हिला देने वाला दृश्य आपकी सरकार की संवेदनहीनता, कुव्यवस्था और क्रूरता का एकमात्र कुकर्म नहीं है! लोग अपने परिजनों को सदा के लिए खोने और तिल-तिल कर मरते हुए देखने के बीच ऐसा-ऐसा नरक झेल रहे हैं, जिसकी उन्होंने अपने सबसे बदतरीन दुःस्वप्न में कल्पना भी नहीं की होगी!
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श्रावणी मिश्रा ने ट्विट किया- PPE किट में दिख रहा शख्स कोई नगर निगमकर्मी नहीं बल्कि मृतका की बेटी है। चार दिन पहले पिता को खोने के बाद मां के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में खुद ही मां के शव को दफन कर दिया। घटना बिहार के अररिया जिले की है।
स्तालिन से कुछ सीखेंगे मुख्यमंत्री नीतीश
तमिलनाडु के एम के स्तालिन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ पहला हस्ताक्षर गरीबों के लिए किया। उन्होंने सभी गरीब परिवारों को चार-चार हजार रुपए तुरत देने का आदेश दिया। प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री कोविड के इलाज की घोषणा की। दूध की कमीत घटा दी।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने स्तालिन को भेजे अपने बधाई संदेश में सामाजिक न्याय के लिए काम करने की अपील की थी। स्तालिन ने पहले ही दिन कर दिखाया।
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वहीं, बिहार में इलाज की बात छोड़ दीजिए, मरने पर अंतिम संस्कार के लिए भी सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। जिनके घर में कमानेवाले की मौत हो रही है, उन्हें भी देकनेवाला कोई नहीं है।