SaatRang : बिहार से बुद्ध धर्म खत्म नहीं हुआ, 16 को धम्मयात्रा

पटना में 16 मई को 50 किमी लंबी धम्मयात्रा निकलेगी। दो हजार गाड़ियां होंगी। सैकड़ों झांकियां होंगी। जुटेंगे देश के बड़े बौद्ध भिक्खु। बुद्ध विचारों पर मंथन।

माना जाता है कि जिस बिहार में बुद्ध को ज्ञान मिला और सदियों तक बौद्ध धर्म फूला-फला, उसी बिहार से बुद्ध का धर्म खत्म हो गया। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। 16 मई बुद्ध पूर्णिमा के दिन पटना में लगभग 50 किमी लंबी धम्मयात्रा निकलेगी। इसमें दो हजार वाहनों और सैकड़ों की संख्या में झांकियां होंगी। बिहार में बुद्ध के अनुयायी उस दिन बुद्ध के संदेशों को आम जन तक पहुंचाएंगे। धम्मयात्रा दारोगाराय पथ से शुरू होकर पुनाईचक, डाकबंगला, बुद्ध स्मृति पार्क, कुम्हरार और फिर वहां से नाला रोड, एक्जीबिशन रोड होते हुए गांधी मैदान का चक्कर लगाने के बाद श्रीकृष्ण स्मारक सभागार में समाप्त होगी। यहां देश भर से आए बौद्ध भिक्खु और भिक्खुनियां बुद्ध के विचारों पर चर्चा करेंगे।

आयोजन की तौयारियों से जुड़े धम्मप्रिय संतोष बहुजन ने बताया कि अबतक बिहार के 500 गांवों में संपर्क किया जा चुका है। 16 मई को बुद्ध देशना पर चर्चा के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। संतोष बहुजन ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि स्वतंत्रता, समानता, सामाजिक न्याय और विश्व बंधुत्व आज समय की मांग है। देश को मनुवाद, ब्राह्मणवाद और विषमता पैदा करने वाले हर विचार को त्याग कर बुद्ध के विचार को अपनाना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान किसी एक धर्म के आधार पर देश को नियंत्रित करने की इजाजत नहीं देता। हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है। यह विविधता की रक्षा का हिमायती है। हम संविधान की रक्षा के लिए भी संकल्पित हैं।

आयोजन में भारतीय बहुजन महासभा, अ. भा. भिक्खु संघ, बौद्ध जागरण मंच, राष्ट्रीय बौद्ध महासभा सहित कई संगठन शामिल हैं। उपासिका अंजु बौद्ध, उपासक राजेश्वर चौधरी तथा अनिल पासवान सहित कई बौद्ध उपासक सक्रिय हैं।

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