संघर्ष जारी : 700 शहीद किसानों की याद में कांग्रेस का कैंडल मार्च

आज सुबह नौ बजे प्रधानमंत्री ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की, तब लगा था कि आंदोलन खत्म हो गया। लेकिन अब नए मुद्दे उठ खड़े हुए हैं। ये हैं मुद्दे…।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जब तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की, तो बहुतों को लगा कि अब सारा मामला खत्म हो गया। किसान वापस घर चले जाएंगे और भाजपा के पक्ष में हवा बन जाएगी। लेकिन शाम होते-होते नजारा बदल गया। कई नए सवाल उठ खड़े हुए।

युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास के नेतृत्व में दिल्ली में सकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कैंडल मार्च निकाला। वे जय जवान-जय किसान का नारा लगा रहे थे। यह कैंडल मार्च उन 700 शहीद किसानों की याद में निकाला गया, जो पिछले लगभग एक साल के दौरान शहीद हुए। कांग्रेस ने शहीद किसानों को सम्मान देने, परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। कई संगठनों ने हर शहीद परिवार को एक-एक करोड़ रु मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। श्रीनिवास ने कैंडल मार्च का वीडियो भी शेयर किया है।

श्रीनिवास ने ट्वीट किया-सरकारें आएंगी – सरकारें जाएंगी, कानून बनेंगे – कानून बदले जाएंगे लेकिन क्या वो 700 शहीद किसान वापिस आएंगे? शहीद किसानों की याद में IYC का कैंडल मार्च जारी है..। काले कृषि कानून तो वापिस हो जाएंगे, क्या वो किसान लौटकर वापिस आएंगे जो मोदी की सनक के चलते शहीद हो गए? युवा कांग्रेस का कैंडल मार्च जारी है…।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा-जीत उनकी भी है जो लौट के घर ना आए… हार उनकी ही है जो अन्नदाताओं की जान बचा ना पाए…। इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें पुलिस दमन के शिकार होते गायल किसान दिख रहे हैं। शहीद किसान दिख रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखीमपुर का मामला उठाया है। उस मामले में अब तक केंद्रीय मंत्री टेनी को पद से नहीं हटाया गया है।

किसान संगठनों ने कहा कि उनकी मांग सिर्फ तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की नहीं थी। सरकार को एमएसपी पर कानून बनाना होगा।

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