मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और संदेशों को प्रासंगिक बताया और कहा कि वह बापू के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि नई पीढ़ी बापू के विचारों से प्रेरित हो सकें।

श्री कुमार ने आज मोतिहारी में चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के मौके पर चंद्रहिया से मोतिहारी तक आयोजित स्मृति यात्रा (पद यात्रा) में शामिल हुये। यात्रा पूरी होने के मुख्यमंत्री ने चंपारण की धरती से बापू के जुड़ाव की चर्चा करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए वह बापू के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी 15 अप्रैल 1917 को मोतिहारी पधारे थे और यहां आने के बाद उन्हें जानकारी मिली कि जशौलीपट्टी के किसानों पर जुल्म हो रहा है।

 

बापू ने अगले दिन 16 अप्रैल को जशौलीपट्टी जाने का निर्णय लिया और मोतिहारी से जशौलीपट्टी के लिये चल दिये। रास्ते में चंद्रहिया में उन्हें नोटिस दिया गया कि आपको चम्पारण छोड़ना है। बापू चंद्रहिया से मोतिहारी वापस आये। आज का दिन ऐतिहासिक दिन है इसलिये आज के दिन स्मृति यात्रा का आयोजन किया गया है। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ0 मदन मोहन झा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह समेत अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।

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