पत्रकार तरुण तेजपाल रेप केस से बरी, महिला को कहा थैंक्यु
2013 में महिला सहकर्मी से कथित रेप मामले में तहलका के तत्कालीन संपादक तरुण तेजपाल को गोवा की अदालत ने अपराधमुक्त कर दिया है.
तरुण तेजपाल पर भाजपा शासित राज्य की पुलिस ने सवत:संज्ञान ले कर विभिन्न धाराओं में केस किया था.
तरुण तेजपाल एक बेबाक और इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट की हैसियत से विख्यात थे. उन्होंने भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की हकीक को उजागर किया था.
गोवा की सत्र अदालत ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई पूरी कर ली थी और आज अपना फैसला सुनाया है। ‘तहलका’ के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक लक्जरी होटल की लिफ्ट के भीतर महिला साथी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। हालांकि उन्होंने शुरू से ही खुद को निर्दोश बताया था।
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अदालत द्वारा बरी किये जाने के बाद तरुण तेजपाल ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि नवम्बर 2013 में मेरी सहकर्मी द्वारा मुझे झूठे आरोप लगाये गये थे. और आज ट्रायल कोर्ट ने मुझे इन आरोपों से बरी कर दिया है. उस महिला द्वारा सच का समर्थन करने के लिए मैं आभारी हूं.
गौरतलब है कि इस मामले में तरुण तेजपाल के खिलाफ अदालत के अलावा मीडिया के एक हिस्से ने भी मीडिया ट्रायल शुरू करके उन्हें खूब बदनाम करने की कोशिश की थी.
2010 के आसपास तहलका की हिंदी, अंग्रेजी पत्रिका और उससे पहले तहलका डॉटकॉम ने इंवेस्टिगेटिव पत्रकारिता के द्वारा दुनिया भर में सुरख्यिां बटोरी थीं.
तहलका ने भाजपा के अनेक कद्दावर नेताओं की करतूत को बनकाब किया था.
गोवा अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया। उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।
महिला के आरोपों के अनुसार, गोवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पांच सितारा होटल की लिफ्ट में तेजपाल ने उनका उत्पीड़न किया था। इसके बाद 30 नवंबर 2013 को तेजपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, उन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।