ऐसे समय में जब तमाम विश्वसनीय संस्थाओं द्वारा बिहार को पिछलग्गू राज्य घोषित किया गया है, तेजस्वी ने अपनी पीड़ा और अपने दिल की बात शेयर की है.
तेजस्वी के दिल की बात”
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सोशल मीडिया पोस्ट मे तेजस्वी ने लिखा है कि जब बाहर के राज्यों में जाता हूं और बिहार से उनकी तुलना करता हूं तो फर्क साफ दिख जाता है.
तेजस्वी यादव ने बिहार की, हर क्षेत्र में दयनीय स्थिति पर यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब नीति आयोग ने नीतीश सरकार की उस मांग को बेलाग लपेट खारिज कर दिया है जिसमें उसने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करती रही थी.
इस मामले में तेजस्वी ने लिखा है कि साथियों, आए दिन यह पढ़कर दुःख और हैरानी होती है कि लगातार 17 वर्षों से नीतीश-भाजपा सरकार होने के बावजूद नीति आयोग, NHRM, NHM, CMIE, NCRB, CAG एवं अन्य मानक संस्थाओं की रिपोर्ट्स तथा सूचकांकों में बेरोजगारी, गरीबी, पलायन, भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और विधि व्यवस्था सहित अन्य क्षेत्रों में बिहार देश का सबसे फिसड्डी राज्य है।
दुख होता है जब…..
दुःख तो तब होता है जब बिहार जैसे गरीब और पिछड़े राज्य की भाजपा नीत डबल इंजन सरकार समृद्धि, विकास और जनता की समस्याओं का समाधान निकालने की बजाय प्रदेश में अपनी साम्प्रदायिक, जातिवादी व विषैली राजनीति करने से बाज़ नहीं आती। सरकार में बैठे लोगों को राज्य के उत्थान, समृद्धि, शांति और विकास के लिए सोचना चाहिए तो इसके उलट ये लोग राज्य में ही साम्प्रदायिक और जातीय आग लगाने के काम में लगे हैं ताकि लोग आपसी घृणा में एक दूसरे नफ़रत करे, बदले की आग में सुलगते रहें तथा किसी का ध्यान सरकार की नाकामी और नाकारेपन पर ना जाए।
लोग बेरोजगारी, गऱीबी, भ्रष्टाचार, शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली, अपराध, किसानों, युवाओं छात्रों की अनदेखी जैसे मूल प्रश्नों पर सवाल नहीं पूछें और ये सत्तारूढ़ दल समाज में अपने ही द्वारा लगाई आग में अपनी सियासी रोटी सेंकते रहें। 17 वर्षों से शासन कर रहे NDA के दल कभी आपका भला नहीं सोचेंगे, इस बात को भली भांति समझकर अब बिहार वासियों को ही स्वयं अपना भला-बुरा सोचना होगा।
जमीन आसमान का फर्क
Tejashwi yadav ने लिखा है कि हमारे बिहार के लाखों युवा दूसरे प्रदेशों में नौकरी कर अपना जीवनयापन कर रहे है। आखिर वो अपने प्रदेश में ऐसा क्यों नहीं कर सकते? हम बिहारी किसी क्षेत्र में किसी से भी कमतर नहीं है। बिहार के बाहर जब दूसरे राज्यों में जाता हूँ तो हर क्षेत्र में ज़मीन आसमान का अंतर दिखाई देता है। वह भी तब जब बिहार की वर्तमान सरकार पिछले 17 सालों से सत्ता में रहते हुए अपने आप को नंबर एक बताते आई है। बिहार हर मानक, हर मापदंड और हर सूचकांक में लगातार सबसे पिछलग्गू राज्य बना हुआ है। और जब तक यह निकम्मी रूढ़िवादी सरकार यहाँ सत्ता में है, इसमें बदलाव या सुधार होने की कोई गुंजाइश भी नहीं है।
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जब भी कोई स्वतंत्र मानक संस्था अपने मूल्यांकन के सूचकांक में बिहार को सबसे नीचे का स्थान देती है तो यह सरकार सच स्वीकारने के बजाय उस संस्था को ही आँख दिखाने लगती है, उसमें ही खोट निकालने लगती है और उस संस्था पर दबाव डालने का अनैतिक प्रयास करती है। जिस सरकार का उद्देश्य सिर्फ़ भूतकाल में जीना, राजनीतिक ध्रुवीकरण करना, समाज को बाँटना और अपनी नाकामी को सुधारने के बजाय उस पर मिट्टी डालना हो, उससे किसी भी प्रकार के सुधार की उम्मीद करना मूर्खता ही होगी।
पीढियों को किया बर्बाद
बिहार के युवा अपने हक-अधिकार के लिए सरकार से निरंतर सवाल कर रहे है, करते रहेंगे लड़ते रहेंगे क्योंकि इस सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों के वर्तमान एवं भविष्य को बर्बाद किया है। बिहार की जनता जान चुकी है कि यह सरकार सिर्फ़ और सिर्फ़ सफ़ेद झूठ की खेती कर लोगों को मूर्ख बनाती है।
हम युवाओं के सहयोग से युवाओं के भविष्य के लिए बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन, अशिक्षा और बेरोजगारी के घने अंधेरे को हटा कर ही रहेंगे।
जय बिहार, जय भारत।
आपका अपना,
तेजस्वी