जनता दल यू के प्रवक्ता संजय सिंह ने आरएसएस और भाजपा को चुनौती दी है कि वह पाकिस्तान जा कर घर वापसी का अभियान चला कर दिखायें क्योंकि पाकिस्तान भी तो भारत का अंग रहा है.

संजय सिंह:आरएसएस पर किया प्रहार
संजय सिंह:आरएसएस पर किया प्रहार

उन्होंने कहा है कि  भाजपा या आरएसएस के नेता जहां चाहें उनसे धर्मांतरण के मुद्दे पर  बहस करें , जेडीयू तैयार है’

उन्होंन कहा कि सुशील मोदी धर्मांतरण के मुद्दे से भटका कर सीवान और गया का मुद्दा उठा रहे है । हालांकि मुद्दों से भटकाना बीजेपी के जीन में है और ये नया मुद्दा देकर खास मुद्दे से लोगों को गुमराह करते है । पिछले सात महीने में केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों के सामने हिंदुत्व,धर्मांतरण और लव जेहाद का मुद्दा उठाकर भरमा दिया है ।

 

संजय ने अपने बयान में कहा कि विकास के नाम पर केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी सरकार में जब कोई ठोस फैसला लेने की हिम्मत नही थी तो ये लोग विकास से इतर हिंदुत्व,धर्मांतरण और लव जेहाद जैसे मुद्दों पर अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेंकने लगे ।

जिस धर्मांतरण को लेकर पूरे देश में जंग छिडी है उसमें बीजेपी और आरएसएस का सबसे बडा हाथ है । ये किसी भी चुनाव को जीतने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते है । झारखंड और जम्मू कश्मीर में चुनाव था तो बीजेपी और आरएसएस ने मिल कर धर्मांतरण के मुद्दे को जान बुझ कर उठाया ताकि ये लोग अपने पक्ष में वोट समेट सकें ।

संजय ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी के पोसुआ तोता मोहन भागवत और अमित शाह जिस तरह पूरे देश में लोगों भड़का रहे है उससे आने वाले समय में अनहोनी होने का डर है । भारत के लोकतंत्र पर जिस तरह से ये लोग मिलकर प्रहार कर रहे है इससे देश की गरिमा घटेगी । यदि इतना ही घर वापसी का जोश है तो ये लोग पाकिस्तान में जाकर क्यों नही घर वापसी का कार्यक्रम कर रहे है आखिर पाकिस्तान भी तो भारत का अंग था । ये बीजेपी और आरएसएस वाले जोड़ने में विश्वास नही रखते है ये तोड़ने में विश्वास रखते है ।

उन्होंने  सुशील मोदी को घेरते हुए कहा कि सुशील मोदी आम जनता को मुद्दों से ना भटकाएं और बताएं कि पिछले सात महीने में जब कच्चे तेल की कीमत कम हुई है और डीजल –पेट्रॉल की कीमत कम हुई है तो जीडीपी ग्रोथ 5.7 से नीचे गिर कर 5.3 क्यो हो गया ? भारतीय मुद्रा अपने न्यूनतम मूल्य पर कैसे पहुंच गया ? पिछले सात महिनें में निर्यात में कमी आई है इसको यदि तुलना करके देखा जाए तो आयात और निर्यात के बिच एक बडी खाई बन गई है जो 10 बिलियन डॉलर की हो गई है ।

By Editor

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