वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को होने वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में परिषद की 14 वीं बैठक में शेष रह गई वस्‍तुओं पर कर त‍था उप-कर दरों पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
इस एक दिवसीय बैठक के एजेंडे में अन्‍य मुद्दों के अलावा जीएसटी नियमों के प्रारूप और संबंधित प्रपत्र में संशोधन को मंजूरी देना भी शामिल है। बैठक में जीएसटी परिषद के सदस्‍य होने के नाते विभिन्‍न राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के वित्‍त मंत्रियों के साथ वरिष्‍ठ अधिकारियों के भी शामिल होने की संभावना है। जीएसटी परिषद देश में एक जुलाई से लागू होने जा रही नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत वस्तुओं और सेवाओं के लिए कर और उनकी दरें निर्धारित करने वाली वाली शीर्ष इकाई है।

उधर भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रह्मण्य स्वामी ने मौजूदा आर्थिक हालात को वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) लागू करने के प्रतिकूल करार देते हुए कहा है कि ऐसे में जीएसटी को दो साल के लिए टाल देना चाहिए वरना मोदी सरकार के लिए यह वाटरलू साबित हो जाएगा। श्री स्वामी ने जीएसटी को लेकर अपने विचार ट्वीटर पर साझा करते हुए इस संदर्भ में विश्व प्रसिद्ध उस वॉटरलू युद्ध का उदाहरण दिया जिसमें ‘अजेय’ माने जाने वाले फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनोपार्ट को आखिरकार पराजित होना पड़ा था।

 

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