मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भूटानी टेंपल के निर्माण से भारत एवं भूटान के आपसी रिश्ते और मजबूत होंगे। श्री कुमार ने भूटानी टेंपल के शिलापट्ट का अनावरण और शिलान्यास करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि भूटानी टेंपल के निर्माण से भारत एवं भूटान के आपसी रिश्ते और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि टेंपल के बनने से राजगीर का महत्व और बढ़ेगा। यहां केवल भूटान से ही बल्कि देश के अलग-अलग क्षेत्रों से भी लोग मंदिर दर्शन को आएंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूटान और भारत आपसी औपचारिक राजनयिक संबंध का संयुक्त 50वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस दौरान भूटानी टेंपल के निर्माण के लिए समय का चयन करना बिहार के लिये गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि भूटान के लोगों में बिहारवासियों के प्रति प्रेम का भाव है। बिहार के लोग भी भूटान जाकर मेहनत से काम करते हैं। बिहार के लोगों के मन में भी भूटान के प्रति अपार श्रद्धा है।  कुमार ने कहा कि राजगीर में पंच पर्वत पर हरित क्षेत्र है, जहां जू सफारी और ग्रीन सफारी भी बनाया जा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि बगल में ही नालंदा विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण कराया जा रहा है। एक समय नालंदा विश्वविद्यालय शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था, जहां देश-विदेश के 10 हजार से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते थे। उन्होंने कहा कि उनका बुद्ध के प्रति समर्पण है, उनके प्रति श्रद्धा और सम्मान है। राजगीर में घोड़ाकटोरा में सुंदर झील है, जहां महात्मा बुद्ध की 50 फुट ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार है। यहां 25 नवंबर को सेंटिफाईंग प्रेयर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुद्ध सर्किट का निर्माण कराया जा रहा है। पटना में भगवान बुद्ध के 2550वें निर्वाण दिवस पर बुद्ध स्मृति पार्क का निर्माण करवाया गया। छह देशों से आए हुए अवशेषों से करुणा स्तूप बनाया गया। बुद्ध से संबंधित संग्रहालय का निर्माण एवं बिपश्यना केंद्र भी बनाया गया है। यहां पर बुद्धिस्ट कल्चरल सेंटर स्थापित करने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन स्तूप का निर्माण कराया जाएगा, जो पत्थर से निर्मित होगा। वैशाली में ही बुद्ध का एक मात्र अस्थि कलश मिला था, जिसे इस स्तूप में रखवाया जाएगा।

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